
नारी डेस्क: कश्मीर की वादियों को धरती का स्वर्ग कहा जाता है लेकिन मंगलवार को जब पहलगाम की बैसरन घाटी गोलियों की आवाज़ से गूंज उठी, तो यह जन्नत खौफ की कहानी में बदल गई। एक सुनियोजित आतंकी हमले में निहत्थे पर्यटकों को बेरहमी से निशाना बनाया गया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
आतंकियों ने हमले को कैमरे में किया रिकॉर्ड
जांच में जो खुलासे हुए हैं, वो बेहद चौंकाने वाले और डराने वाले हैं। बताया जा रहा है कि हमले में शामिल तीनों आतंकियों ने अपने हेलमेट पर कैमरे लगाए हुए थे। मतलब यह कि उन्होंने इस खूनी हमले को खुद रिकॉर्ड किया। यह कोई अचानक किया गया हमला नहीं था, बल्कि पूरी तैयारी और प्लानिंग के साथ इस घटना को अंजाम दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, तीनों आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। उनके पास नाइट विज़न डिवाइसेज़, हाई-टेक राइफल्स और हेलमेट कैमरे थे। यही नहीं, आतंकियों ने सबसे पहले पर्यटक समूह को घेरा और फिर महिलाओं और पुरुषों को अलग किया।
पहचान के आधार पर किया गया कत्ल
इसके बाद, आतंकियों ने हर व्यक्ति की पहचान की और चुन-चुनकर फायरिंग की। कुछ लोगों को पास से गोली मारी गई, तो कुछ को दूर से निशाना बनाया गया। कई घायल पर्यटक समय पर इलाज न मिल पाने के कारण मौके पर ही दम तोड़ बैठे।
क्यों चुनी गई बैसरन घाटी?
बैसरन घाटी जहां एक ओर बेहद सुंदर है, वहीं दूसरी ओर यह जगह काफी दुर्गम भी मानी जाती है। आतंकियों ने इसी वजह से इस जगह को चुना, क्योंकि यहां तक सुरक्षा बलों के पहुंचने में समय लगता है। साथ ही, यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां हर समय सैकड़ों की संख्या में सैलानी मौजूद रहते हैं। आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाना था।

प्रधानमंत्री मोदी ने बीच में छोड़ा विदेश दौरा
हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़ दिया और तुरंत भारत लौट आए। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए साफ कहा –"इस बर्बर और अमानवीय कृत्य को अंजाम देने वाले दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वे जहां भी हों, उन्हें खोज कर सज़ा दी जाएगी।"