23 DECMONDAY2024 12:52:58 PM
Nari

भाई के कहे आखिरी शब्दों ने बदली जिंदगी, डिप्रेशन ने की ऐसी हालात कि सिर्फ...

  • Edited By Priya dhir,
  • Updated: 05 Nov, 2020 05:25 PM
भाई के कहे आखिरी शब्दों ने बदली जिंदगी, डिप्रेशन ने की ऐसी हालात कि सिर्फ...

डिप्रेशन यानि की अवसाद, इससे ग्रस्त व्यक्ति अक्सर अपनी जिंदगी को खत्म करने के बारे में सोचता है लेकिन डिप्रेशन पर जिंदगी खत्म नहीं होती। आज हम आपको एक एेसी महिला से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने डिप्रेशन का डटकर सामना किया और लोगों के लिए मिसाल बनी। हम बात कर रहे हैं शीतल कोटक की। शीतल कोटक एक बॉडी बॉडीबिल्डर हैं। इनका निक नेम स़्ट्रॉग हैं। लोग इन्हें इसी नाम से बुलाते है। शीतल शुरू से इतनी स्ट्रॉग नहीं थी। बहुत कम उम्र में वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थी लेकिन उन्होंने इस बात को कभी भी किसी से नहीं कहा।

डिप्रेशन की वजह से हुआ तलाक

फिर शीतल की शादी हो गई। शादी के बाद शीतल ने बहुत ज्यादा शराब पीनी शुरू कर दी थी। वह खाती नहीं बल्कि सिर्फ शराब पीती थी। उनकी भूख काफी कम हो गई थी। वह काफी परेशान रहने लगी थी। बाद में शीतल का तलाक हो गया। तलाक के बाद उन्होंने कई बार खुद को खत्म करने की कोशिश की। फिर शीतल के भाई की मौत हो गई। भाई की मौत के बाद शीतल की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। दरअसल, मरने से पहले शीतल के भाई ने उनसे कहा था कि खुद को मजबूत बनाओ। इसके बाद शीतल ने बॉडीबिल्डिंग का रास्ता चुना।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Who loves variations! 🙌 * * * 𝟏𝟓% 𝐨𝐟𝐟!!! 🙌 𝐎𝐧 𝐚𝐥𝐥 𝐔𝐒𝐍 💙𝐩𝐫𝐨𝐝𝐮𝐜𝐭𝐬! 🥳💃🏻 𝐔𝐬𝐞 𝐜𝐨𝐝𝐞 “𝐒𝐡𝐞𝐞𝐭𝐚𝐥𝐔𝐒𝐍”𝐨𝐧 𝐜𝐡𝐞𝐜𝐤𝐨𝐮𝐭 𝐚𝐭 𝐰𝐰w.usnkenya.𝐜𝐨𝐦 🥰 🤗 𝟏𝟎% 𝐨𝐟𝐟!!! 🌸🤍 𝐎𝐧 𝐚𝐥𝐥 𝐁𝐞𝐅𝐢𝐭 𝐀𝐩𝐩𝐚𝐫𝐞𝐥! 𝐔𝐬𝐞 𝐜𝐨𝐝𝐞 “𝐒𝐡𝐞𝐞𝐭𝐚𝐥𝟏𝟎”𝐨𝐧 𝐜𝐡𝐞𝐜𝐤𝐨𝐮𝐭 𝐚𝐭 𝐰𝐰𝐰.𝐛𝐞𝐟𝐢𝐭𝐚𝐩𝐩𝐚𝐫𝐞𝐥.𝐜𝐨𝐦 𝐨𝐫 𝐝𝐦 @𝐛𝐞𝐟𝐢𝐭𝐚𝐩𝐩𝐚𝐫𝐞𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐮𝐬𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐝𝐞! 💃🏻🥳🔥 #𝓌𝑜𝓂𝒶𝓃𝓇𝑒𝓂𝒶𝒹𝑒 #𝑔𝒾𝓋𝑒𝓂𝑒𝑔𝒶𝒾𝓃𝓈 #𝒸𝒽𝒶𝓁𝓁𝑒𝓃𝑔𝑒𝓎𝑜𝓊𝓇𝓈𝑒𝓁𝒻 #𝓉𝒽𝑜𝓊𝑔𝒽𝓉𝓈𝒷𝑒𝒸𝑜𝓂𝑒𝓉𝒽𝒾𝓃𝑔𝓈 #𝓈𝓉𝓇𝑜𝓃𝑔 #𝓌𝑜𝓃𝒹𝑒𝓇𝓌𝑜𝓂𝒶𝓃 #𝓊𝓈𝓃𝓀𝑒𝓃𝓎𝒶 #𝓉𝓇𝓊𝓈𝓉𝑒𝒹𝓈𝓅𝑜𝓇𝓉𝓈𝓃𝓊𝓉𝓇𝒾𝓉𝒾𝑜𝓃 #𝒸𝒽𝒶𝓂𝓅𝒾𝑜𝓃𝓈𝒸𝒽𝑜𝒾𝒸𝑒 #𝒷𝑒𝒻𝒾𝓉𝒸𝒽𝒾𝒸𝓀 #𝒷𝑒𝒻𝒾𝓉𝒶𝓁𝓁𝒹𝒶𝓎𝑒𝓋𝑒𝓇𝓎𝒹𝒶𝓎 #𝒷𝑒𝒻𝒾𝓉𝒶𝓅𝓅𝒶𝓇𝑒𝓁 #𝓉𝓇𝒶𝒾𝓃 #𝓌𝑜𝓇𝓀𝒽𝓊𝓈𝓉𝓁𝑒𝓀𝒾𝓁𝓁 #𝒻𝓁𝒶𝑔𝓃𝑜𝓇𝒻𝒶𝒾𝓁 #𝓌𝒽𝑜𝒶𝒾𝓃𝓉𝓌𝑜𝓇𝓀𝒾𝓃 #𝓈𝒶𝓋𝒶𝑔𝑒 #𝒽𝒾𝑔𝒽𝓉𝒾𝒹𝑒𝓈𝑜𝓃𝓁𝓎 #𝓉𝑒𝒶𝓂𝒸𝑜𝓁𝑜𝓈𝓈𝑒𝓊𝓂 #𝒹𝒾𝓈𝒸𝒾𝓅𝓁𝒾𝓃𝑒 #𝒽𝒶𝓇𝒹𝓌𝑜𝓇𝓀 #𝓂𝒶𝓂𝒶𝓎𝒶𝑜 #𝒸𝑜𝓂𝓂𝒾𝓉𝓂𝑒𝓃𝓉 #𝒷𝓎𝒽𝒾𝓈𝑔𝓇𝒶𝒸𝑒 #𝓁𝒾𝓁𝓂𝑜𝓃𝓈𝓉𝒶 #𝓅𝑜𝓌𝑒𝓇𝑒𝒹𝒷𝓎𝓊𝓈𝓃𝓀𝑒𝓃𝓎𝒶𝓈𝓅𝑜𝓇𝓉𝓈𝓈𝓊𝓅𝓅𝓁𝑒𝓂𝑒𝓃𝓉𝓈 #𝒶𝓁𝓅𝒽𝒶

A post shared by Wonder Woman💫 (@sheetalstrong) on Nov 2, 2020 at 1:00am PST

आज हर प्रतियोगिता जीतती है शीतल

साल 2011 में शीतल ने इसकी शुरुआत की। इससे वह खुद को ताकतवर समझती है। साल 2013 में शीतल ने कई प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और जीती भी। इसके बाद शीतल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से अब तक शीतल ने हर प्रतियोगिता को जीता है। बॉडी बिल्डिंग से उन्हें डिप्रेशन से बाहर आने की ताकत मिली। इससे वह अपने दुखों को भूल पाई। खुद शीतल का मानना है कि डिप्रेशन को समझना चाहिए और इससे निकलने के लिए दूसरों की मदद लेनी चाहिए। इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं। हर किसी की जिंदगी में यह दौर आता है कोई इससे बाहर निकल जाता है तो कोई इसके आगे हार मान लेता है।

शीतल की यह स्टोरी हर उस व्यक्ति के लिए इंस्पिरेशन हैं जो सोचता है कि डिप्रेशन से बाहर नहीं निकला जा सकते। डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए जरूरी हैं कि आप लोगों से बात करें। अपनी दिल की बात दूसरों से शेयर करें। ज्यादा से ज्यादा वक्त उस काम को दें जिससे करने में आपको खुशी मिलती है। जिंदगी खत्म करने से किसी भी चीज का हल नहीं होता। हर मुश्किल का डटकर सामना करना ही जिंदगी जीने का सही तरीका है। हर किसी की जिंदगी में बुरा दौर आता है लेकिन हिम्मत और करीबी की मदद से इसका सामना करें।

 

Related News