![रविवार को इस विधि से करें Surya Dev की पूजा तो बढ़ेगी आयु, शुत्र भी मानेंगे हार](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2023_8image_18_35_319862178tyjhuyjyik-ll.jpg)
सूर्य देव को पूरे संसार का कर्ताधर्ता भी माना जाता है। इनके दिन के बिना लोगों के दिन की शुरुआत नहीं होती है। रविवार का दिन इन्हें समर्पित है। भगवान सूर्य का दिन होने के कारण रविवार को भगवान सूर्य का उपासना बेहद ही पुण्यकारक माना जाता है। सूर्यदेव को हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है। हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है। हिरण्यगर्भ यानी जिसके गर्भ में ही सुनहरे रंग की आभा है। रविवार के दिन विधिवत पूजा करके सूर्य देव का जल चढ़ाना चाहिए औसा ररने से सूर्यदेव की कृपा बनती है और भक्तों को आयु, तेद, निरोगी काया और विपत्ति से मुक्ति भी मिलती है। उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाना प्रगति का सूचक माना जाता है। इसलिए सुबह- सुबह स्नान करके उगते सूर्य को देखना चाहिए। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है....
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आइए जानते हैं सूर्य देवता पूजन विधि
- सुबह उठकर स्नान करने के बाद तांबे या पीतल के लोटे में जल लेकर लाल रोली, लाल फूल मिला कर ॐ घृणि सूर्याय नम: का जाप करते हुए सूर्य देवता को जल चढ़ाएं।
- साथ में एक दीपक जलाकर सूर्य देवता का ध्यान करें।
- ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें। लोटे से सूर्य देवता को जल चढ़ाएं।
- अर्घ्य देते समय नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें। जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिम्ब एक बिन्दु के रूप में जल की धारा में दिखाई देगा।
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- सूर्य को अर्घ्य समर्पित करते समय दोनों भुजाओं को इतना ऊपर उठाएं कि जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिंब दिखाई दे। सूर्य देव की आरती करें। सात प्रदक्षिणा करें व हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
- सुबह सवेरे उगते हुए सूर्य को प्रणाम करने और दर्शन करने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारी दिनचर्या नियमित बनती है। कारोबार में सफलता प्राप्त होती है। इसके लिए प्रातः काल उठकर सूर्यदेव को नमन करना चाहिए।