आजकल के दौर में ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें पीरियड्स से जुड़ी कोई परेशानी होगी। कई महिलाओं को पीरियड्स होने पर पेट में दर्द, क्रैंप्स, कमर में दर्द, हैवी ब्लीडिंग जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। इसके अलावा कुछ महिलाएं को पीरियड्स से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है जैसे पीरियड्स की डेट का बदलना, कभी-कभी दो-दो महीने तक पीरियड्स न आना या कुछ महिलाओं को लंबे समय तक पीरियड्स न होने की परेशानी झेलना लेकिन क्या आप जानते हैं कि अनियमित पीरियड्स का क्या कारण है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके कुछ कारण हो सकते हैं। तो चलिए आज आपको आपको बताते हैं कि अनियमित पीरियड्स किन कारणों से होते हैं...
स्ट्रेस
एक्सपर्ट्स की मानें तो अनियमित पीरियड्स का कारण स्ट्रेस भी हो सकता है। ज्यादा तनाव लेने से रात में नींद न आना, ओवरइटिंग करना जैसी समस्याएं तो होती है लेकिन तनाव से कारण शरीर पर बुरा असर पड़ता है जहां तक कि पीरियड्स पर भी स्ट्रेस का असर दिखने लगता है।
गलत खान-पान
अनियमित पीरियड्स का कारण आपकी गलत खान-पान की आदतें भी हो सकती हैं। ज्यादा महिलाएं इन दिनों जंक फूड और स्ट्रीट फूड पर जोर देती हैं यह सभी चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तो होती हैं इसके अलावा यह अनियमित पीरियड्स का कारण भी बन सकती हैं।
ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी के कारण
ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने के कारण भी आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। विगरस एक्सरसाइज करने के कारण आपको मेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर हो सकता है जिसके कारण आपकी ब्लीडिंग या फिर आपका मासिक चक्र बिगड़ सकता है।
बहुत ज्यादा थकान रहना
कुछ महिलाओं को पीरियड्स में बहुत ही थकान रहती है। पीरियड्स में काफी ब्लड फ्लो होता है। जिसके कारण महिलाओं में थकान और कमजोरी की समस्या भी हो सकती है। कई बार ब्लीडिंग के कारण मानसिक और शारीरिक रुप से भी ज्यादा थकान महसूस हो सकती है। इसके कारण शरीर में हार्मोनल अंसुतलित हो सकते हैं। यदि किसी महिला के साथ ऐसा होता है तो उनके शरीर में रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स जैसे प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन का असुंतलन देखने को मिल सकता है। यदि लंबे समय तक महिला को ऐसी समस्या रहती है तो भविष्य में पीरियड्स से प्रॉब्लम हो सकती है।
सही तरह से न सोने के कारण
यदि कोई महिला देर रात तक जागती है तो भी उसका स्लीपिंग पैटर्न डिस्टर्ब होता है। ऐसे में महिलाओं में अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं। सही तरह से न सोने के कारण महिलाओं का बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ सकता है। इसका सबसे बुरा असर महिलाओं के शरीर पर पड़ता है और महिलाओं के पीरियड्स इर्रेगुलर होने लगते हैं।