काजल के बीना तो जैसे महिलाओं का मेकअप अधूरा ही है। आंखों की सुंदरता को और निखारने के लिए काफी समय से काजल का इस्तेमाल होता आया है। इससे आंखें बड़ी और आकर्षक तो लगती ही है साथ ही महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। भारत में काजल सिर्फ़ महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने के लिए ही नहीं इस्तेमाल होता बल्कि बहुत से लोग इसे छोटे बच्चों की आंखों और माथे पर लगाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे बुरी नजर दूर होती है।
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काजल में किया जाता है सीसा (लीड) का इस्तेमाल
हालांकि कई अध्ययनों ने पुष्टि की है कि काजल स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है। नीति आयोग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि काजल में सीसा (लीड) जो जहर के समान है का उपयोग किया जाता है। इंडिया टुडे के साथ बातचीत में बेंगलुरु के ग्लेनीगल्स अस्पताल की कंसल्टेंट-एस्थेटिक फिजिशियन डॉ. रूबी सचदेव ने कहा कि- "पारंपरिक काजल या कोहल उत्पादों को पीढ़ियों से संजोकर रखा गया है, लेकिन उनकी सुरक्षा के बारे में भी ध्यान रखना जरूरी है।
स्वास्थ्य के लिए जोखिम हो सकता है काजल
फिजिशियन का कहना है कि - कभी-कभी रंग को निखारने के लिए सीसे का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा होता है, खासकर जब इसे आंखों के पास लगाया जाता है। मुख्य चिंता यह है कि काजल के कुछ रूपों, खासकर पारंपरिक या घर पर बनाए जाने वाले काजल में सीसे की मात्रा बहुत अधिक होती है। जब काजल को नियमित रूप से त्वचा या निचली पलक पर लगाया जाता है, तो सीसा रक्तप्रवाह में अवशोषित हो सकता है। समय के साथ, सीसे का यह संचय गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।"
बच्चों को ज्यादा खतरा
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सीसा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चों खासकर को प्रभावित कर सकती है। चिकित्सकों का कहना है कि- "बच्चे सीसे के जहर के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं, क्योंकि उनका शरीर सीसे को अधिक आसानी से अवशोषित कर लेता है और उनके विकासशील मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने की अधिक संभावना होती है।" सीसे युक्त काजल के नियमित उपयोग से स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें- सीखने में कठिनाई याददाश्त संबंधी समस्याएं चिड़चिड़ापन और आक्रामक व्यवहार विकास संबंधी देरी आदि शामिल है।
गर्भवती महिलाओं के लिए भी खतरा
वहीं काजल के नियमित उपयोग से सीसे के संपर्क में आने से बड़े लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, जैसे-लगातार पेट दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं, सिरदर्द आदि समस्याएं पैदा हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को इससे विशेष खतरा है। दिल्ली स्थित द एस्थेटिक क्लीनिक की त्वचा विशेषज्ञ डॉ. रिंकी कपूर का कहना है कि- "काजल में मौजूद ठंडक देने वाले तत्व जैसे मेंथॉल और कपूर उनकी आंखों को ठंडा और साफ करने में काफी मदद कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह बुरी शक्तियों को भी दूर रखता है। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है, लेकिन काजल के कारण सीसा विषाक्तता की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।"
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सुरक्षित काजल का करें इस्तेमाल
डॉ. रिंकी का कहना है कि- " सही उत्पादों का चयन करने पर काजल का सुरक्षित रूप से आनंद लिया जा सकता है। सीसा रहित फॉर्मूलेशन की तलाश करें, खासकर यदि आप उन्हें छोटे बच्चों पर इस्तेमाल करने की योजना बनाते हैं। अपने विकल्पों के बारे में जानकारी और सावधानी बरतकर, आप बिना किसी चिंता के काजल का उपयोग करना जारी रख सकते हैं, जिससे सुंदरता और स्वास्थ्य दोनों संतुलित रहेंगे।"अब, अगर आप सोच रहे हैं कि आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आप घर पर ही बना रहे हैं तब भी सतर्क रहने की जरूरत है।
काजल को लेकर सावधानियां
- हमेशा अच्छे ब्रांड का काजल इस्तेमाल करें और उसकी एक्सपायरी डेट चेक करें।
- काजल को लगाने से पहले और बाद में अपने हाथ और उपकरण साफ रखें।
- सोने से पहले काजल को अच्छी तरह से हटा लें।
- यदि आपको किसी प्रकार की जलन, खुजली, या असहजता महसूस होती है, तो तुरंत काजल का उपयोग बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें