नारी डेस्क: लंबे समय तक ओवरटाइम काम आपके दिमाग ही नहीं सेहत पर भी गहरा असर डालता है। चीन में एक 24 साल की महिला का वजन 1 साल में 20 किलोग्राम बढ़ गया था, ओवरवर्क के चलते उसका यह हाल हो गया था। अत्यधिक काम के कारण मोटापा (Overwork Obesity) एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह समस्या वहां ज्यादा देखने को मिलती है जहां 996 वर्क कल्चर (सुबह 9 बजे से रात 9 बजे, हफ्ते में 6 दिन) है।इसलिए, काम के साथ-साथ स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। जानिए इससे क्या होता है नुकसान कैसे रखें खुद का ख्याल
यह भी पढ़ें: आप भी डरते हैं बुरी नजर से तो सुन लीजिए प्रेमानंद महाराज की ये बातें
अधिक काम करने से इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा
लंबे समय तक तनाव और अस्वस्थ खाने की आदतें उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा देती हैं। वजन बढ़ने और शारीरिक गतिविधि की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है, जिससे मधुमेह का खतरा होता है। वह अत्यधिक काम और मोटापा तनाव बढ़ा सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मोटापे के कारण आत्मविश्वास में कमी आती है, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।
नींद से जुड़ी समस्याएं
गर्दन और पेट के आसपास जमा अतिरिक्त चर्बी स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं का कारण बनती है। तनाव और अनियमित दिनचर्या के कारण नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जो मोटापे को और बढ़ाती है। अधिक वजन जोड़ों और मांसपेशियों पर दबाव डालता है, जिससे पीठ दर्द और गठिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें: रूपाली गांगुली के कानूनी नोटिस को लेकर सौतेली बेटी ने निकाली भड़ास
शारीरिक गतिविधि की कमी
लंबे समय तक बैठे रहने और काम करने से शारीरिक गतिविधि न के बराबर हो जाती है, जिससे चर्बी बढ़ती है। गतिहीन जीवनशैली मेटाबॉलिज्म की गति धीमी कर देती है। अत्यधिक काम के कारण लोग फास्ट फूड और जंक फूड पर निर्भर हो जाते हैं, जो पोषण की कमी के साथ-साथ मोटापा बढ़ाता है। तनाव के कारण "इमोशनल ईटिंग" भी वजन बढ़ाने का एक कारण है।
नुकसान से बचाव के उपाय
संतुलित आहार: अपने भोजन में साबुत अनाज, ताजे फल, सब्जियां और प्रोटीन शामिल करें।
नियमित व्यायाम: काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेकर टहलें या स्ट्रेचिंग करें।
समय प्रबंधन: काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखें।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान: तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और योग जैसे तरीके अपनाएं।
अच्छी नींद: हर दिन 7-8 घंटे की पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लें।
नोट: अगर आपको इसके लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।