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एक तरफ बेटी की डोली तो दूसरी तरफ बाप की उठी अर्थी, बेटी की विदाई का गम बर्दाश्त नहीं कर पाया पिता

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 14 May, 2025 04:41 PM
एक तरफ बेटी की डोली तो दूसरी तरफ बाप की उठी अर्थी, बेटी की विदाई का गम बर्दाश्त नहीं कर पाया पिता

नारी डेस्क: बिहार के गया जिले से एक ऐसी हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसे सुनकर हर किसी का दिल टूट गया। यहां एक तरफ बेटी की डोली घर से निकली तो दूसरी तरफ कुछ ही समय बाद पिता की अर्थी भी उठी। कहा जा रहा है कि पिता अपनी बेटी की जुदाई का ग़म सहन नहीं कर पाए जिसके कारण उनकी मौत हो गई। यह घटना देख कर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शादी का माहौल, ग़म में बदल गया और हर किसी की आंखों में आंसू थे।

गया के बोधगया प्रखंड के जैतिया गांव का दुखद मंजर

यह दर्दनाक घटना गया जिले के बोधगया प्रखंड के जैतिया गांव की है। सिद्धनाथ सिंह की बेटी की शादी की रात बारात घर आई थी और शादी का आयोजन धूमधाम से हुआ। शादी के बाद सुबह दुल्हन को लेकर बारात विदा हो गई लेकिन किसी को क्या पता था कि इस दिन में ऐसा दर्द छिपा होगा।

बेटी की विदाई से पहले पिता को हुआ दिल का दौरा

शादी के समारोह के बाद जब बेटी की विदाई का समय नजदीक आया तो सिद्धनाथ सिंह को अचानक दिल का दौरा पड़ा। समधी मिलन के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गांव के लोगों का कहना है कि सिद्धनाथ सिंह अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे। बेटी की विदाई का ग़म वह सहन नहीं कर पाए और इसके कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

शादी का माहौल हुआ ग़मगीन

जैतिया गांव में सिद्धनाथ सिंह के घर पर विवाह समारोह चल रहा था। उनकी बेटी नेहा कुमारी की शादी नालंदा जिले के महानंदपुर गांव के परशुराम सिंह के बेटे गौरव कुमार से तय हुई थी। यह शादी धूमधाम से आयोजित की गई थी लेकिन जो सबको खुशी का दिन लग रहा था, वही दिन ग़म में बदल गया।

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पिता की विदाई से पहले खुशी के आंसू, बेटी की विदाई के बाद दर्द के आंसू

शादी के बाद सुबह जैसे ही बेटी की विदाई का समय आया, सिद्धनाथ सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां उनकी मौत हो गई। उन्होंने खुशी-खुशी अपनी लाडली बेटी का कन्यादान किया, लेकिन जब विदाई का वक्त आया तो अपनी भावनाओं को रोक ना पाए। इस दौरान उन्हें दिल का दौरा आया और उनका जीवन समाप्त हो गया।

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पूरा गांव ग़मगीन, एक साथ बेटी की डोली और पिता की अर्थी

बेटी की विदाई के कुछ ही देर बाद, उसी घर से पिता की अर्थी भी उठी। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। लोग कहते हैं कि इस तरह की घटना किसी के साथ नहीं होनी चाहिए। एक ओर जहां बेटी की डोली निकली, वहीं कुछ ही समय बाद उसके पिता की अर्थी भी उठी। यह दृश्य देख कर गांव के लोग चौंक गए।

यह घटना गांव और आसपास के इलाकों में चर्चा का मुख्य विषय बन गई है। लोग इस दुखद घटना से काफी दुखी हैं और उनकी आंखों में आंसू हैं। पूरा गांव मातम में डूबा हुआ है और हर किसी का दिल इस दर्द को महसूस कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना दिल दहला देने वाली है, जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगे।
 

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