पंजाब की राजनीति इस समय दिलचस्प मोड़ पर आ गई है। अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सीएम पद की रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी का नाम आगे चल रहा है लेकिन कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने यह जिम्मेदारी संभालने से इंकार कर दिया है। इस उथक-पथक के बीच अंबिका सोनी के राजनीतिक जीवन पर डालें एक नजर
1969 में हुई करियर की शुरूआत
- अंबिका सोनी के करियर की शुरूआत 1969 में थी।
- जब पार्टी के विभाजन के समय इंदिरा गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी में सह-चुना गया था।
- 1969 और 1972 के बीच, उन्होंने पार्टी के भीतर कई पद संभाले
- वह कांग्रेस विदेश मामलों के विभाग के सह-प्रभारी भी रही।
- 1972 के अंत में, उन्हें भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
1975 में उनकी जिंदगी में आया महत्वपूर्ण चरण
- तीन साल के कार्यकाल के बाद, वह नवंबर 1975 में IVC की अध्यक्ष बनीं।
- यह उनकी राजनीतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण चरण था।
- अंबिका ने पहली बार मार्च 1976 में राज्यसभा में अपने लिए एक सीट हासिल की।
- 1996 में, वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष बनीं।
- अंबिका 1998 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति के साथ राष्ट्रीय प्रमुखता की ओर बढ़ीं।
- 2000 से 2001 तक उन्होंने कई क्षेत्रों में योगदान दिया।
अब तक संभाली यह जिम्मेदारी
- जनवरी 2000 में वह फिर से राज्यसभा के लिए चुनी गईं।
- 10 जून 2004 को इस्तीफा दे दिया।
- जुलाई 2004 में वह फिर से राज्यसभा के लिए चुनी गईं।
- 29 जनवरी 2006 - 22 मई 2009 से वह यूपीए I सरकार में पर्यटन मंत्री और संस्कृति मंत्री रही।
- 22 मई 2009 - 27 अक्टूबर 2012 से वह यूपीए II सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रही।
- जुलाई 2010 में वह राज्यसभा के लिए फिर से चुनी गईं।
दिलचस्प बात यह है कि सोनी ने संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ काम कर चुकी हैं। कांग्रेस की सशक्त नेत्री रहीं अंबिका सोनी को इंदिरा गांधी ही राजनीति में लेकर आईं थीं।