हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं, उनमें आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। आषाढ़ कृष्ण एकादशी का नाम योगिनी है। माना जाता है कि इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है। यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है।
करें इस मंत्र का जाप
शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है। इसके व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते हैं और अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके वैवाहिक जीवन में मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है या फिर धन की समस्या से गुजर रहे हैं तो आज के दिन शाम को तुलसी के पास दीपक जलाकर ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें।
एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प करें।
घर के मंदिर में पूजा करने से पहले एक वेदी बनाएं और उस पर 7 धान (उरद, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें।
5 आम या अशोक के पत्ते कलश में रखकर वेदी पर रख दें।
अब वेदी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।
उसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूल, मौसमी फल और तुलसी की दाल चढ़ाएं।
फिर अगरबत्ती का प्रयोग कर विष्णु जी की आरती करें।
शाम को भगवान विष्णु की आरती करने के बाद फल लें।
रात को सोने के बजाय भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
अगली सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और जितना हो सके उतना दान और दक्षिणा देकर उसे विदा करें।
इसके बाद अपना खुद का खाना खाकर व्रत तोड़ें।
हर परेशानी होती है दूर
इस पूजा से भगवान विष्णु आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करेंगे। वहीं, माता लक्ष्मी आपके धन के भंडार को भी भरेंगी। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने से पितरों की संतुष्टि मिलती है और व्यक्ति के पाप धुलते हैं। पूर्वजों का आशीर्वाद मिलने से वंश बढ़ता है। इस दिन पीपल का पौधा लगाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे नौकरी में आ रही परेशानियां भी दूर होती हैं और धन का आगमन होता है।