किसी भी दुर्घटना के बाद महिलाओं को चोट लगने की संभावना पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुनी होती है। ब्रिटेन में किए गए नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि महिलाओं के अंग बेहद नाजुक होते हैं।
इस शोध में यह भी दावा किया गया है कि दुर्घटना के बाद महिलाओं बहुत जल्दी वाहन में फंस जाती है और उन्हे वहां से बाहर निकलने के लिए लोगों की मदद की जरूरत पड़ती है। university hospitals plymouth ने महिलाओं और पुरुषों को लगने वाली चोट के पैटर्न की भी तुलना की है।
जांच के लिए जनवरी 2012 और दिसंबर 2019 के बीच यूके में प्रमुख ट्रॉमा सेंटरों और इकाइयों में भर्ती 70,027 रोगियों के डेटा को देखा गया।इसमें पता चला कि गंभीर हादसों के बाद 16% महिलाएं वाहनों में फंसी रही, जबकि इस मामले में पुरुषों का प्रतिशत सिर्फ 9 है। हादसे के बाद महिलाओं के कूल्हे और रीढ़ की हड्डी में भी अधिक चोटें आईं, जबकि पुरुषों को सिर, चेहरे, छाती और अंगों में अधिक चोटें आईं।
यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स प्लायमाउथ के सलाहकार एनेस्थेटिस्ट, डॉ लॉरेन वीक्स का कहना है कि इस अध्ययन के बाद यह अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है कि किसे कहां चोट आई होगी। पुरुषों और महिलाओं के ड्राइव करने के तरीके में अंतर भी इसका बहुत बड़ा कारण हो सकता है।