नवरात्रि का पर्व देश के हर कोने में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। नवरात्रि के पावन पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना, व्रत के साथ कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, इस दौरान सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है वहीं लहसुन प्याज खाने व छौंक लगाने की भी मनाही होती है। सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों का भी यही मानना है कि इस दौरान लहसुन प्याज नहीं खाना चाहिए। मगर, क्या आप पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस पंरपरा की वजह जानते हैं? आइए जानते हैं कि ऐसा नियम क्यों बनाया गया है...
क्यों होती है लहसुन-प्याज की मनाही?
दरअसल, लहसुन और प्याज राजसिक व तामसिक भोजन का हिस्सा माने जाते हैं इसलिे भगवान को इनका भोग नहीं लगाया जाता है। शास्त्रों में नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करने को कहा गया है इसलिए इस दौरान इसकी मनाही होती है। कहा गया है कि लहसुन व प्याज खाने से व्यक्ति को जल्दी गुस्सा आता है और वो राक्षसी प्रवृति का हो जाता है। ऐसे में व्रती भी अपवित्र समझा जाता है। यही नहीं ऐसी भी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान इन चीजों का सेवन करने से घर में अशांति और नकरात्मकता माहौल रहता है।
भगवान विष्णु से भी जुड़ा संबंध
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु मोहिनी रूप धारण कर समुंद्र मंथन से निकले अमृत को देवताओं में बांट रहे थे। तभी दो राक्षस राहु और केतू ने धोखे से अमृत पी लिया लेकिन जब भगवान विष्णु को यह मालूम हुआ तो उन्होंने क्रोध में दोनों असुर के सिर धड़ से अलग कर दिए। मगर, अमृत पीने की वजह से वो मरे नहीं बल्कि जिंदा थे। उनके रक्त की बूदें जब जमीन पर गिरी तो उससे लहसुन-प्याज उत्पन्न हुए। इसलिए भी नवरात्रि के दौरान लहसुन प्याज खाने की मनाही होती है।
नवरात्रि में करना चाहिए सात्विक भोजन
नवरात्रि के दौरान शुद्ध, प्राकृतिक, स्वच्छ और ऊर्जावान सात्विक भोजन करने को कहा जाता है। दरअसल, चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान मौसम करवट लेता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस दरान इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है, जिसे बढ़ाने के लिए सात्विक भोजन खाने को कहा जाता है, जो शरीर की अशुद्धियों को दूर करके शरीर को ऊर्जा देता है।
वैज्ञानिकों की क्या है राय?
वैज्ञानिकों की मानें, मौसम में बदलाव का असर इम्यूनिटी कम हो जाती है, जिससे बैक्टीरियल व इंफेक्शन बीमारियों का खतरा रहता है। वैसे भी कोरोना के चलते हर किसी को हैल्दी फूड खाने की सलाह दी जाती है। प्याज और लहसुन की बात करें तो इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है और दिमाग सुस्त हो जाता है। ऐसे में इन्हें इस दौरान नहीं खाना चाहिए।
तामसिक और राजसी भोजन
तमस यानी अंधेरे से तामसिक शब्द बना है यानी सबसे पहले तो इस तरह के भोजन का मतलब बासी खाने से है. ये भोजन शरीर के लिए भारीपन और आलस देने वाला होता है. इसमें बादी करने वाली दालें और मांसाहार जैसी चीज़ें शामिल बताई जाती हैं. वहीं, राजसिक भोजन बेहद मिर्च मसालेदार, चटपटा और उत्तेजना पैदा करने वाला खाना है. इन दोनों ही तरह के भोजनों को स्वास्थ्य और मन के विकास के लिए लाभदायक नहीं बल्कि नुकसानदायक बताया गया है. कहा गया है कि ऐसे भोजन से शरीर में विकार और वासनाएं पैदा होती हैं.
हालांकि स्वास्थ्य के नजरिए से देखा जाए तो लहसुन-प्याज औषधीए गुणों से भरपूर है जो कई रोगों से लड़ने में कारगार है। राक्षस से उत्पन्न होने के कारण भगवान को इसका भोग नहीं लगाया जाता लेकिन नवरात्रि के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं परंतु लिमिट में।