हिंदूओं का पावन पर्व नवरात्रि का त्यौहार देश के कोने-कोने में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। खान-पान की बात करें तो इस दौरान मांस-मछली, धूम्रपान, शराब लेने की मनाही होती है। वहीं, नवरात्रि के 9 दिनों में कुछ लोग छौंक नहीं लगाते और ना ही लहसुन-प्याज खाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों? यहां हम आपको यही बताएंगे कि नवरात्रि के 9 दिनों में लहसुन प्याज खाने की मनाही क्यों होती है।
सबसे पहले जानिए क्या है आयुर्वेदिक डाइट
आयुर्वेद के अनुसार, खाद्य पदार्थों को तीन श्रेणियों राजसिक, तामसिक और सात्विक में डिवाइड किया जाता है, शरीर की प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती हैं...
. सात्विक आहार में हाई फाइबर, लौ फैट वाले शाकाहारी फूड्स जैसे... ताजे फल, मौसमी सब्जियां, दही, शहद, अंकुरित साबुत अनाज, फलियां, बीज, कुछ मसाले, काली मिर्च, धनिया और सुखे मेवे शामिल होते हैं। आयुर्वेद में सात्विक भोजन को शुद्ध व संतुलित माना जाता है। वहीं, नवरात्रि उपवास से शरीर की सफाई भी हो जाती है।
. वहीं, आयुर्वेद में राजसिक व तामसिक भोजन से परहेज करने की सलाह दी जाती है है। ऐसा इसलिए क्योंकि राजसिक व तामसिक भोजन में लहसुन, प्याज, मांस-मछली, फ्राईड फूड्स, मसालेदार चीजें, चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, अंडा, शराब, मशरूम और सफेद चीनी शामिल होती है, जो बीमारियों का कारण बनती हैं।
नवरात्रि में क्यों होती है लहसुन-प्याज की मनाही
नवरात्रि के 9 दिनों एक सात्विक भोजन यानि सिर्फ फल, कुट्टू का आटा, सब्जियां, साबुदाना, सेंधा नमक, सामक चावल और डेयरी उत्पाद ही खाना चाहिए। क्योंकि लहसुन प्याज राजसिक व तामसिक भोजन का हिस्सा है इसलिए उसे खाने की मनाही होती है।
नवरात्रि में क्यों खाना चाहिए सात्विक भोजन
सात्विक का मतलब है- शुद्ध, प्राकृतिक, स्वच्छ और ऊर्जावान। दरअसल, शरद नवरात्रि अक्टूबर-नवंबर महीने में आती है, जिसमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है। मौसमी बदलाव के कारण इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिस वजह से सात्विक आहार लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा भोजन शरीर की अशुद्धियों को दूर करके ऊर्जावान बनाए रखता है।
वैज्ञानिकों की क्या है राय?
वैज्ञानिकों की मानें तो मौसम में आ रहे बदलाव से इम्यूनिटी कम हो जाती है। ऐसे में गरिष्ठ, ऑयली और जंक फूड से दूर रहना चाहिए। मगर, प्याज और लहसुन शरीर में ऊर्जा का संचार करने के साथ गर्मी पैदा करता है और दिमाग को सुस्त बनाता है। ऐसे में इन्हें इस दौरान ना खाना ही सही है।