पेट में लगातार दर्द, भारीपन व मरोड़ पड़ना जैसी दिक्कतों को छोटा ना समझें क्योंकि यह फैटी लिवर की ओर इशारा हो सकते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो ज्यादा फैट बनने के कारण होती है। इससे ना सिर्फ लिवर डैमेज हो सकता है बल्कि यह कैंसर और लिवर सिरोसिस का खतरा भी बढ़ता है। लिवर शरीर के लिए 500 से भी अधिक काम करता है इसलिए इसे स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है।
क्या है फैटी लिवर?
जब लिवर की कोशिकाओं में अधिक फैट जमा हो जाता है तब लिवर का भार 10% अधिक ज्यादा हो जाता है। अतिरिक्त फैट जमा होने के कारण लिवर का कार्य भी रुक जाता है। गर्मियों में गलत खान-पान के कारण यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।
फैटी लिवर डाइट चार्ट
ब्रेकफास्ट : ओटमील, 1 केला, बिना मलाई के साथ 1 गिलास दूध
लंच : पालक का सलाद, उबला हुआ आलू, ब्रोकली और गाजर की अन्य सब्जियां, सेब, स्नैक, 1 कटोरी सलाद
डिनर : मिक्स्ड बीन्स सलाद, ब्रोकली, बेरीज, होल ग्रेन रोटी, हल्दी वाला दूध
फैटी लिवर में क्या नहीं खाएं?
इसके अलावा शराब, तंबाकू, नशीली पदार्थ, अधिक शुगर, व्हाइट ब्रेड, रेड मीट, फ्राइड फूड, अधिक नमक का भी सेवन ना करें। फैटी लिवर से बचने के लिए रोज 1500 मि.ग्रा. से कम सोडियम ही लें।
रिफाइंड कार्ब्स को कहें साफ न
रिसर्च के अनुसार, 16% लिवर की समस्याएं रिफाइंड कार्ब्स, ज्यादा फ्रुक्टोज पदार्थ के कारण होती है। ऐसे में जितना हो सके इन चीजों से दूरी बनाकर रखें।
फैटी लिवर को कम करने वाले फूड्स खाएं
फैटी लिवर की समस्या को कम करने के लिए जैतून तेल, सुखे मेवे, ग्रीन टी, ब्रोकली, ओट्स, हरी सब्जियां, मौसमी फल, अखरोट और एवोकाडो लें। इसके अलावा प्रोटीन फूड्स भी फैटी लिवर को 20 प्रतिशत कम करते हैं।
पानी से ही बुझाएं प्यास
ज्यादा मात्रा में जूस का सेवन भी फैटी लिवर का कारण बन सकता है। ऐसे में प्यास लगने पर पानी का सेवन करें। हालांकि दिन में एक बार जूस, स्मूदी, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ जैसी चीजें लेते रहें। मगर, इनमें से किसी एक पेय का ही सेवन करें।