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कभी खाने के लिए नहीं थे पैसे, आज बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की पहली पसंद बन गईं है डिजाइनर Vaishali Shadangule

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 17 Apr, 2023 11:50 AM
कभी खाने के लिए नहीं थे पैसे, आज बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की पहली पसंद बन गईं है डिजाइनर Vaishali Shadangule

'विल्स इंडिया फैशन वीक' और 'अमेजन के फैशन वीक स्प्रिंग समर' में अपने लाजवाब ट्रेडशनल और मॉर्डन फ्यूजन कलेक्शन से सबके होश उड़ाने वाली फैशन डिजाइनर वैशाली शंडगुले अब चाहे फिल्म स्टार्स जैसे सोनम कपूर विद्या बालन, बिपाशा बसु आदि की ड्रेस डिजाइन करती हैं, लेकिन यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। एक समय पर तो वैशाली का इतना बुरा हाल था कि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे और न ही पहनने के लिए कपड़े। आइए आज हम आपको बताते हैं वैशाली के फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी..

मात्रा 18 साल की उम्र में घर से भाग गई थीं वैशाली

वैशाली का जन्म भोपाल से लगभग 57 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर विदिशा के एक रुढ़िवादी परिवार में हुआ। जैसे ही वो 18 साल की हुईं तो घरवाले उसकी शादी की बात करने लगे। पहले तो वैशाली ने अपने घरवालों को समझाने की बहुत कोश‍िश की वो शादी नहीं करना चाहती। लेकिन वो सुनने को तैयार ही नहीं थे तो जब वैशाली को कोई और रास्ता नहीं दिखा तो उन्हों घर से भागना ही बेहतर समझा। वो अपने घर से भागकर रेलवे स्टेशन पहुंची। उस वक्त उन्हें बिल्कुल नहीं समझ आ रहा था कि वो क्या करे। वो चुपचाप स्टेशन पर आई पहली ट्रेन पर बैठ गईं। ट्रेन मुंबई की थी।

फॉलो कई अपना फैशन का पैशन

वैशाली को बचपन से ही कपड़े डिजाइन करने का शौक था और घर से निकलकर उन्हें अपने पैशन को फॉलो करने की ढानी। लेकिन अपने सपनों को पूरा करना इतना आसान भी नहीं था वैशाली के लिए। मुंबई पहुंचकर वो कई दिनों तक इधर-उधर घूमती रहीं और लोगों से काम मांगती रहीं। आखिरकार एक ऑफिस में उन्हें 500 रुपये की नौकरी मिल गई। अपनी कमाई से वैशाली बचत भी करने लगी। अपनी इसी कमाई से वैशाली ने एक छोटे से फैशन डिजानिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने की कोशिश की, लेकिन उन्हें एडमिशन नहीं मिला। वैशाली ने हार नहीं मानी और दूसरे जगह से कटिंग्स और सिलाई सीख ली और फैशन सेमिनार भी अटेंड करने शुरु कर दिए।

एक्सपोर्ट हाउस और फिटनेस सेंटर में नौकरी

वैशाली को इसके बाद एक एक्सपोर्ट हाउस में नौकारी मिल गई। वैशाली को यहां 11,000 रुपये सैलारी मिलती थी। वैशाली ने बचत शुरू ही किया था कि उन्हें स्लिप डिस्क हो गई और सारी बचत इलाज में खर्च हो गई। फिर वैशाली ने फिटनेस ट्रेनर के तौर पर नौकरी की।

खोला अपना लेबल

ये नौकरी जमी नहीं और वैशाली ने 50,000 रुपये का लोन अपनी दुकान खोली। इसी दौरान उन्होंने शादी भी की। इसके बाद वैशाली ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। आज  उनका शो रूम तीन मंजिला है और यहां पर डिजाइनर वैशाली चंदेरी, सिल्क और कॉटेन के फ्यूजन से डिजाइनिंग करती हैं।
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