घर हो या बाजार जब भी हमारा कुछ पकौड़े, समोसे या पापड़ जैसी चीजों को खाने का मन करे तो वह कढ़ाई में रखे पुराने तेल का ही इस्तेमाल करने लगते हैं। महिलाएं तो कई बार पुराने तेल का इस्तेमाल सब्जी बनाने में भी करती हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं की इस गलती की वजह से आप अपनी और अपने परिवार की सेहत से बहुत बढ़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर पहले से इस्तेमाल हुए कुकिंग ऑयल में आप भी फिर से कुछ भी बना रहे हैं तो ऐसा करना आज से ही बंद कर दें क्यूंकि ऑयल को बार-बार इस्तेमाल या उसे रीहीट करने से उसमें टॉक्सिक पदार्थ बनने लगते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसकी वजह से आगे जा कर आपको कई तरह की दिक्क्तें भी हो सकती हैं जैसे, शरीर में सूजन, मोटापा और डायबिटीज अदि। इसी साथ चलिए अब विस्तार से आपको बताते हैं इससे होने वाले अन्य नुकसान के बारे में -
साइड इफेक्ट्स-
पेट से जुड़ी समस्याएं-
बचे हुए तेल का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं जैसे अल्सर, एसिडिटी, जलन परेशान करने लगती हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति के पाचन पर भी बुरा असर पड़ता है और उसे अपच, कब्ज और दस्त जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
मोटापा-
ज्यादातर लोग आज मोटापे की समस्या से परेशान हैं। बचे हुए तले का दोबारा इस्तेमाल आपकी मोटापे की शिकायत को और ज्यादा बढ़ा सकता है। दरअसल, पके हुए तेल में दोबारा पकाई हुई चीजों का सेवन करने से शरीर में ट्रांस फैट, जो कि अनहेल्दी फैट है उसकी मात्रा बढ़ जाती हैं। जिससे मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है।
बीपी की समस्या -
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर रोगी हैं तो बचे हुए तेल का इस्तेमाल करने से बचें। तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें फ्री फैटी एसिड और रेडिकल रिलीज होने लगते हैं, जिनका सेवन करने से ब्लड प्रेशर तेजी से अनियंत्रित हो सकता है।
एसिड बढ़ाए -
बार-बार गर्म किए गए तेल में पकाए गए भोजन को करने से एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से पेट और गले में जलन महसूस होती है। अगर आपको सामान्य से अधिक एसिडिटी का अनुभव होता है तो जंक और डीप फ्राई फूड्स के साथ बचे हुए तेल में खाना पकाने से भी बचें।
गैस की समस्या
अगर आप तेल को बार-बार गर्म करते हैं तो इस तरह के तेल का इस्तेमाल पेट में गैस, जलन की समस्या पैदा कर सकता है।
सूजन बढ़ाता है
बचे हुए तेल में पकी हुई चीजों को खाने से ये शरीर में सूजन बढ़ती है। इससे शरीर में दर्द, ब्लॉटिंग और एसिडिटी की समस्या बढ़ने की शिकायत रहती है। साथ ही उम्र बढ़ने के साथ ये शरीर में अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है।