कोरोना काल में चली दूसरी लहर के बीच एक अजीब चोरी का मामला सामने आया। दरअसल, हरियाणा के जींद में सिविल अस्पताल में एक चोर पहले कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कई सौ डोज़ चुरा लीं, और बाद में वह खुद उसे वापिस छोड़ गया।
दरअसल, 21 अप्रैल की रात करीब 12 बजे चोर ने कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड की कई सौ डोज़ चुरा लीं. लेकिन 22 अप्रैल को चोर सिविल लाइन थाने के बाहर एक चाय वाले को सारी वैक्सीन वापिस कर दी. इसके साथ ही मज़े कि बात यह है कि वह एक भी नोट छोड़ गया. जिसमें लिखा है कि - सॉरी मुझे पता नहीं था कि ये कोरोना की दवाई है।
जब यह नोट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आईएएस ऑफिसर अवनीष शरण ने इस नोट को ट्विटर पर शेयर कर लिखा कि 'एक ‘चोर' ने भी ‘जमाख़ोरों' और ‘मुनाफ़ाख़ोरों' को मानवता की सीख दे दी।
वहीं, जींद पुलिस के डीएसपी जितेंद्र खटकड़ ने जानकारी देते हुए एक न्यूज़ चैनल को बताया कि सिविल अस्पताल से कोरोना की कई डोज़ चोरी हो गई थीं. पुलिस के अनुसार दिन में करीब 12 बजे एक बाइक सवार युवक सिविल लाइन के पास चाय के खोखे पर पहुंचा. उसने वहां बैठे बुजुर्ग को बैग थमाते हुए कहा कि ताऊ इस बैग में मुंशी का खाना है. इसे थाने में मुंशी को दे आना। बुजुर्ग ने उस बैग को मुंशी को दे दिया। जब बैग को खोला तो उसमें कोरोना वैक्सीन की चोरी हुई शीशियां थीं। बैग में करीब कोविशील्ड की 182 वाइल और कोवैक्सीन की 440 वाइल। इन शीशियों के बीच में पर्ची पर लिखा था, सॉरी, मुझे नहीं पता था कोरोना की दवाई है.
चोर भले वैक्सीन वापस कर गया हो लेकिन अब शायद ही इनका इस्तेमाल हो सकें क्योंकि कोरोना की वैक्सीन को एक निश्चित तापमान पर फ्रिज में रखा जाता है. ऐसा न करने पर यह खराब हो जाती है। जानकारी के मुताबिक लगभग 12 घंटे तक फ्रिज से बाहर रही कोरोना की ये वैक्सीन और डोज अब इस्तेमाल के लायक नहीं हैं। फिर भी इस बारे में सिविल सर्जन ने मुख्यालय से गाइडलाइन मांगी हैं।