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कुछ महीने भी नहीं निभा पा रहे सात जन्मों का बंधन, इन वजहों से टूटती हैं भारत में शादियां

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 24 Jun, 2025 06:55 PM
कुछ महीने भी नहीं निभा पा रहे सात जन्मों का बंधन, इन वजहों से टूटती हैं भारत में शादियां

नारी डेस्क:  पारंपरिक रूप से भारत में शादी को जीवनभर का बंधन माना जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में तलाक और अलगाव के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज, आजकल जोड़ियां बनने से पहले ही टूट रही हैं। इसके पीछे कई सामाजिक, भावनात्मक और व्यवहारिक कारण हो सकते हैं। चलिए जानते हैं शादी टूटने के क्या हैं मुख्य कारण

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बदलते सांस्कृतिक मूल्य

पहले शादी को जीवनभर का बंधन माना जाता था, लेकिन अब लोग व्यक्तिगत आज़ादी और आत्म-सम्मान को अधिक महत्व देने लगे हैं। पश्चिमी सोच और आधुनिक जीवनशैली ने पारंपरिक सोच को चुनौती दी है।अब लोग "मैं" और "मेरा करियर", "मेरे फैसले" पर ज़ोर देने लगे हैं। पति-पत्नी के बीच सामंजस्य और सामूहिक सोच की भावना कम हो रही है।


संचार की कमी 

कई बार कपल्स अपनी समस्याएं एक-दूसरे से शेयर नहीं करते या ठीक से समझ नहीं पाते। बात न करने से गलतफहमियां बढ़ती हैं, जो रिश्ते को कमजोर कर देती हैं। फिल्में, सोशल मीडिया या दूसरों की शादियों को देखकर बहुत ज्यादा उम्मीदें पाल लेना भी रिश्तों को खराब कर देती है। जब ये उम्मीदें पूरी नहीं होतीं तो निराशा और झगड़े शुरू हो जाते हैं।

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पारिवारिक हस्तक्षेप 

 माता-पिता या रिश्तेदारों की अत्यधिक दखलंदाजी भी दंपत्तियों के बीच तनाव का कारण बनती है। विशेषकर संयुक्त परिवार में रहने वाले कपल्स इस समस्या से अधिक जूझते हैं। लोग समाज की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए झूठी खुशियां दिखाते हैं। जब तुलना होती है, तो असंतोष और कुंठा जन्म लेती है।


आर्थिक असंतुलन और करियर की दौड़

अगर एक साथी अधिक कमा रहा हो या अधिक सफल हो, तो ईगो टकरा सकती है। टाइम की कमी और वर्क-लाइफ बैलेंस न बना पाने से भी रिश्तों में दूरी आ जाती है। ऐसे में खुले मन से बातचीत करें और समस्याओं को मिलकर सुलझाएं।  एक-दूसरे की भावनाओं और करियर की इज्जत करें। परिवार को सीमा में रखें और अपनी निजता का सम्मान करें।

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