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दोनों किडनी फेल, प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी आयु को लेकर किया बड़ा खुलासा

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 07 Mar, 2025 04:24 PM
दोनों किडनी फेल, प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी आयु को लेकर किया बड़ा खुलासा

नारी डेस्क: प्रेमानंद जी महाराज भारतीय संतों में एक प्रमुख और सम्मानित नाम हैं, जिनका प्रभाव न केवल उनके अनुयायियों, बल्कि फिल्मी हस्तियों, नेताओं और क्रिकेटरों पर भी है। उनकी आध्यात्मिक शिक्षाएं लाखों लोगों के जीवन में मार्गदर्शन का काम करती हैं। हालांकि, उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है, और उन्होंने कुछ समय पहले एक वीडियो के जरिए यह खुलासा किया था कि वह पिछले 20 वर्षों से किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद, उनकी सोच, बाते और जीवन की गहरी समझ आज भी उनके भक्तों के लिए एक मिसाल बनी हुई है।

स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद प्रेरणा का स्रोत

प्रेमानंद जी महाराज के स्वास्थ्य को लेकर उनके भक्त हमेशा चिंतित रहते हैं, क्योंकि वह पिछले दो दशकों से किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी के बावजूद, उन्होंने अपने जीवन के उद्देश्य को कभी नहीं छोड़ा और अपने भक्तों को हमेशा सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनका यह मानना है कि जीवन की असली खूबसूरती आत्मज्ञान और भगवान की भक्ति में है, जो किसी भी स्वास्थ्य समस्या से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में एक वीडियो में प्रेमानंद जी ने खुलासा किया कि उन्हें लगता है कि उनकी आयु बहुत लंबी नहीं होगी और वह अधिक समय तक अपने भक्तों के बीच नहीं रह पाएंगे। उन्होंने इस बारे में एक महत्वपूर्ण बात साझा की, जो उनके जीवन की सोच को समझने में सहायक है।

आध्यात्मिक विश्वास और जीवन की दिशा

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि 20 वर्षों से किडनी की बीमारी से जूझते हुए उन्हें यह एहसास हुआ कि उनका जीवन बहुत लंबा नहीं होगा। उन्होंने यह विश्वास किया कि उनके पास अब कुछ ही वर्षों का समय है। लेकिन एक दिन उन्होंने एक महान संत से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनकी आयु 80 वर्ष तक हो सकती है। यह बात 20 साल पहले कही गई थी, और आज तक उनका जीवन 55-56 वर्ष का हो चुका है।

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यह घटना प्रेमानंद जी के जीवन को समझने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें यह सिखाती है कि जीवन के बारे में हमारे विचार और विश्वास कितने महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर का स्वास्थ्य कभी अच्छा होता है, कभी खराब, लेकिन अगर हमारी आत्मा मजबूत हो, तो जीवन का उद्देश्य और दिशा हमेशा स्पष्ट होती है। प्रेमानंद जी के अनुसार, सच्ची भक्ति और विश्वास से कोई भी संकट दूर किया जा सकता है।

प्रेमानंद जी महाराज का जन्म और जीवन यात्रा

प्रेमानंद जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। बचपन से ही वे भगवान की भक्ति में लीन रहते थे। उनके जीवन की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत काशी में हुई, जहां उन्होंने काफी समय बिताया। बाद में वह वृंदावन में रहने लगे, जहां उन्होंने भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की भक्ति में अपने जीवन को समर्पित किया।

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प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी जीवन यात्रा में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन उनका विश्वास और भक्ति हमेशा मजबूत रही। उनके सत्संग और जीवन के अनुभव आज भी उनके भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

भक्ति, समर्पण और विश्वास की शक्ति

प्रेमानंद जी महाराज ने हमेशा अपने जीवन में भक्ति, समर्पण और विश्वास की शक्ति को महत्व दिया। उनका मानना है कि भक्ति से आत्मिक शांति मिलती है, जो किसी भी भौतिक परेशानी से कहीं अधिक मूल्यवान है। चाहे उनका स्वास्थ्य कैसा भी हो, उन्होंने कभी भी अपनी आध्यात्मिक यात्रा से मुंह नहीं मोड़ा।

प्रेमानंद जी महाराज का जीवन यह सिखाता है कि जीवन के किसी भी संघर्ष का सामना आत्मा की शक्ति और विश्वास से किया जा सकता है, और भक्ति के माध्यम से असली सुख और शांति प्राप्त की जा सकती है।

डिस्कलेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नारी इनकी पुष्टि नहीं करता है। 

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