नारी डेस्क : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत खानपान, तनाव, शारीरिक गतिविधि की कमी और बढ़ता कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बन चुके हैं। ऐसे में कई लोग कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन बहुत-से लोग चाहते हैं कि बिना दवा, केवल नेचुरल तरीकों से उनकी दिल की सेहत बेहतर हो। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने एक खास डाइट पैटर्न विकसित किया, जिसे पोर्टफोलियो डाइट कहा जाता है।

यह कोई फैड डाइट नहीं है, बल्कि ऐसे वैज्ञानिक रूप से चुने गए फूड्स का कॉम्बिनेशन है, जो मिलकर शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी LDL को प्राकृतिक तरीके से कम करने में मदद करते हैं। डॉक्टर भी इसे दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानते हैं।
पोर्टफोलियो डाइट क्या है? (Portfolio Diet)
पोर्टफोलियो डाइट एक पौधों पर आधारित (Plant-based) डाइट प्लान है, जिसे कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध डॉक्टर ने विकसित किया। इसका मुख्य उद्देश्य बिना किसी दवा के, केवल रोजमर्रा के खाने से LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करना है। इस डाइट में ऐसे चार प्रमुख फूड ग्रुप शामिल किए जाते हैं, जो अलग-अलग भी कोलेस्ट्रॉल घटाने में असरदार हैं, लेकिन जब इन्हें एक साथ संतुलित मात्रा में लिया जाता है, तो इनका असर कई बार स्टैटिन जैसी दवाओं के बराबर देखा गया है।
पोर्टफोलियो डाइट में शामिल 4 जरूरी फूड ग्रुप
प्लांट स्टेरोल्स (Plant Sterols)
प्लांट स्टेरोल्स (Plant Sterols) पौधों में पाए जाने वाले ऐसे तत्व हैं, जो आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं। जब कोलेस्ट्रॉल शरीर में कम एब्जॉर्ब होता है, तो LDL अपने आप कम होने लगता है। ये स्टेरोल-फोर्टिफाइड मार्जरीन, स्प्रेड, स्टेरोल युक्त दही पेय और संतरे के जूस में मिलते हैं।

जेल टाइप (घुलनशील) फाइबर (Gel Type Fiber)
यह फाइबर आंतों में जाकर जेल जैसा बन जाता है और कोलेस्ट्रॉल को बांधकर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। ओट्स, जौ, सेब, नाशपाती, बेरी, सेम, दालें, भिंडी और इसबगोल इस फाइबर के अच्छे स्रोत हैं। नियमित सेवन से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल, बल्कि ब्लड शुगर पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
सोया प्रोटीन (Soy protein)
सोया प्रोटीन लीवर में मौजूद उन रिसेप्टर्स को एक्टिव करता है, जो LDL को खून से हटाने का काम करते हैं। टोफू, सोया मिल्क, एडामे और सोया-आधारित वेजी बर्गर इसके अच्छे उदाहरण हैं। यह एनिमल प्रोटीन का हेल्दी विकल्प भी माना जाता है।
मेवे (नट्स)
मेवों में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट HDL यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं और LDL को कम करने में मदद करते हैं। बादाम, अखरोट और पिस्ता दिल के लिए खास तौर पर फायदेमंद माने जाते हैं, बशर्ते इन्हें सीमित मात्रा में खाया जाए।

यह डाइट शरीर में कैसे काम करती है?
पोर्टफोलियो डाइट एक साथ कई लेवल पर काम करती है। प्लांट स्टेरोल्स कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को लगभग 50 प्रतिशत तक घटा सकते हैं। घुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल को बांधकर शरीर से बाहर निकाल देता है। सोया प्रोटीन लीवर को ज्यादा एक्टिव बनाकर LDL को तेजी से हटाने में मदद करता है, वहीं मेवे HDL को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल का संतुलन सुधारते हैं। इन चारों का कॉम्बिनेशन शरीर पर एक नेचुरल दवा जैसा असर डालता है।
डॉक्टर इसे दिल की सेहत के लिए इतना फायदेमंद क्यों मानते हैं?
कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह सामने आया है कि पोर्टफोलियो डाइट अपनाने से LDL कोलेस्ट्रॉल में 13 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। छह महीने तक इस डाइट का पालन करने वालों में औसतन 13.8 प्रतिशत LDL की कमी दर्ज की गई, जो कई बार दवाओं जैसी ही प्रभावी होती है। लंबे समय तक इस डाइट को अपनाने से ट्राइग्लिसराइड्स में कमी, शरीर की सूजन में गिरावट और ब्लड प्रेशर में सुधार देखा गया है। एक बड़े अध्ययन में, जिसमें करीब 2 लाख लोगों को 30 साल तक फॉलो किया गया, पाया गया कि जिनका पोर्टफोलियो डाइट स्कोर बेहतर था, उनमें दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा लगभग 14 प्रतिशत कम था। मेनोपॉज के बाद की महिलाओं में यह डाइट हार्ट अटैक का खतरा 17 प्रतिशत तक घटाती पाई गई।
अगर आप बिना दवा, प्राकृतिक तरीके से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करना चाहते हैं और दिल की सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो पोर्टफोलियो डाइट एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है। सही जानकारी, संतुलन और नियमितता के साथ अपनाई गई यह डाइट दिल को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।