नारी डेस्कः महिला के शरीर के खास अंगों में यूट्रस यानि की बच्चेदानी भी शामिल है इसकी मदद से ही एक महिला को मां बनने का सुख मिलता है इसीलिए बच्चेदानी का हैल्दी होना भी बहुत जरूरी है। इस सेंसटिव अंग की केयर भी बहुत जरूरी है क्योंकि कमजोर बच्चेदानी के चलते महिला को कंसीव करने में दिक्कत आती है या मिसकैरेज का खतरा बना रहता है। लेकिन अगर बच्चेदानी कमजोर है तो महिला को कैसे पता चलेगा। चलिए आपको कमजोर बच्चेदानी के कुछ संकेत बताते हैं और इसे आप हैल्दी व मजबूत कैसे कर सकते हैं उस बारे में भी बताते हैं।
कमजोर बच्चेदानी के 10 बड़े संकेत | Kamjor bachedani ke lakshan
बच्चेदानी कमजोर होने पर महिलाओं को पेल्विक एरिया में दबाव महसूस हो सकता है। साथ ही, पेल्विक एरिया में भारीपन रहना भी कमजोर बच्चेदानी की निशानी है। बच्चेदानी कमजोर होने पर यूट्रस के आकार में बदलाव हो जाता है। इसका पता इमेजिंग स्टडी, जैसे अल्ट्रासाउंड के जरिए पता लगाया जाता है। बिगड़े लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में इनफर्टिलिटी की दिक्कत बहुत बढ़ गई है।इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन इसका एक कारण कमजोर बच्चेदानी भी हो सकता है और कमजोर होने पर बच्चेदानी से जुड़ी ये समसयाएं शरीर में दिखती हैं।
पेल्विक एरिया में दर्द ( Pelvic Pain)
पीरियड्स के दौरान असामान्य ब्लीडिंग
वजाइना से ब्लीडिंग होना।
फर्टिलिटी चैलेंजेस- Fertility Challenges
पीठ में दर्द रहना Back Pain
जरूरत से ज्यादा व्हाइट-मटमैला डिस्चार्ज होना।
ऐसा महसूस होना जैसे आप किसी बॉल पर बैठे हो।
इंटरकोर्स के दौरान दर्द या दिक्कत।
कब्ज बनना या मल पास करने में दिक्कत होना।
वजाइना के आस-पास दर्द या हल्की जलन रहना।
बच्चेदानी कमजोर होने के कारण | Kamjor Bachedani ke Karan
मानसिक कमजोरी या मानसिक स्वास्थ्य सही न रहना।
प्रसव के बाद भी बच्चेदानी कमजोर हो सकती है।
बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण
खानपान की गलत आदतें या बिगड़ा लाइफस्टाइल
बच्चेदानी को मजबूत व हैल्दी करने के तरीके| bachedani ko majboot kaise kare
1. अपने खानपान पर ध्यान दें इसलिए अपनी डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और कैल्शियम की मात्रा बढ़ा दें। हरी सब्जियां अवश्य शामिल करें। डाइट में हरी सब्ज़ियां, सूखे मेवे, बीज, फल, नींबू, और संतरा शामिल करें। इनमें विटामिन सी, प्रोटीन, फ़ाइबर, पोटैशियम, और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं।
2. नियमित रूप से क्षमता के अनुसार एक्सरसाइज करें। इससे शरीर में ब्लड का फ्लो बेहतर होता है जो कि गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। वजन को कंट्रोल में रखें। रोज़ाना सुबह वॉक करे, इससे शरीर में ब्लड का फ़्लो बेहतर होता है।
हनुमानासन जैसे योगासन करें। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और साइकलिंग करें। पेल्विक मांसपेशियों को मज़बूत करने के लिए केगेल व्यायाम करें।
3. शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही ज़रूरी है। स्ट्रेस वाले हार्मोन नियंत्रित रहते हैं जिसका सीधा प्रभाव शरीर के बाकी अंगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
4. स्टडी के मुताबिक, सिगरेट के अधिक सेवन से एस्ट्रोजन लेवल काफी कम हो जाता है, साथ ही इससे आपकी बच्चे पैदा करने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।
5. अगर आपको पीरियड्स से जुड़ी कोई समस्या है तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर जांच करवाएं।
नोटः यह सारे लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी हो सकते हैं।बेहतर होगा कि डॉक्टर से मिलें और जरूरी जांच करवाएं। अगर बच्चादानी कमजोर है तो इस संबंध में डॉक्टर की दी गई सलाह लें और उचित ट्रीटमेंट करवाएं।