नारी डेस्क: क्या सर्दी के मौसम में आपके पैर और हाथ हमेशा ठंडे रहते हैं? अगर हां, तो चिंता न करें, क्योंकि यह समस्या बहुत से लोगों में देखने को मिलती है। लेकिन, अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह आपके शरीर में किसी खास कमी का संकेत हो सकती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे क्यों होते हैं?
जब हम ठंडी हवाओं के संपर्क में आते हैं, तो शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव होता है। ठंड में शरीर अपने महत्वपूर्ण अंगों को गर्म रखने के लिए ब्लड फ्लो को नियंत्रित करता है, जिससे हाथ और पैर ठंडे हो जाते हैं। यह सामान्य है, लेकिन अगर हाथ-पैर बर्फ की तरह ठंडे रहते हैं, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत
लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है। जब शरीर में रक्त प्रवाह कम होता है, तो ऑक्सीजन और पोषक तत्व अंगों तक नहीं पहुंच पाते। यह स्थिति ठंड के मौसम में और भी गंभीर हो जाती है, जिससे हाथ और पैर ठंडे पड़ने लगते हैं। साथ ही, ब्लड सर्कुलेशन में कमी हृदय संबंधी समस्याओं का भी संकेत हो सकता है।
एनीमिया
एनीमिया की स्थिति में शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है, जिससे अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है। इससे शरीर ठंडा महसूस करता है। इसके अलावा, बी12, फॉलेट और आयरन की कमी भी एनीमिया का कारण बनती है। गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। उचित आहार और समय पर उपचार के जरिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इससे नसें कमजोर हो जाती हैं और पैरों में ठंडक महसूस होती है। इस स्थिति को "डायबेटिक न्यूरोपैथी" भी कहा जाता है, जिसमें पैर सुन्न हो सकते हैं या उनमें झुनझुनी हो सकती है।
नस की समस्या
नसों में किसी प्रकार की क्षति, जैसे चोट या दुर्घटना के कारण, ब्लड फ्लो में बाधा उत्पन्न हो सकती है। तनाव और अनियमित जीवनशैली भी नसों को कमजोर बना सकती है। इस वजह से हाथ और पैर ठंडे पड़ सकते हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।
क्रोनिक किडनी डिजीज
किडनी की बीमारियों के कारण शरीर से विषैले तत्व और अतिरिक्त तरल पदार्थ नहीं निकल पाते। इससे रक्त प्रवाह पर असर पड़ता है, और पैर ठंडे हो सकते हैं। साथ ही, क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों में एनीमिया और ब्लड प्रेशर की समस्याएं भी आम होती हैं, जो कोल्ड फीट का कारण बन सकती हैं।
किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलें?
1. अगर ठंडे पैर के साथ सुन्नता, दर्द या रंग बदलना हो।
2. अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे।
3. अगर आपको डायबिटीज, एनीमिया या किडनी संबंधी बीमारी हो।
सर्दियों में हाथ-पैर का ठंडा रहना सामान्य बात हो सकती है, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। उचित देखभाल और डॉक्टर की सलाह से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अपनी दिनचर्या में बदलाव करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।