
पुरी, उड़ीसा में स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के चार धामों में से एक है। यहां महा बिशुबा संक्रांति के अवसर पर सोमवार को विशेष अनुष्ठान किए गए, जिसमें लगभग दस हनुमान मंदिरों में पना-एक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक पेय का प्रसाद चढ़ाया गया। हालांकि इस बीच कुछ ऐसा देखने को मिला, जिससे हड़कंप मच गया। एक बाज ने मंदिर के शिखर पर लगे ध्वज को अपने पंजों में पकड़ा और उसे उड़ाकर अपने साथ ले गया, इस चमत्कारी घटना ने सभी को हैरान कर दिया।
दरअसल जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर पतितपावन बाना (ध्वज) भगवान जगन्नाथ की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है। ध्वज के हिलने या उल्टी दिशा में लहराने को एक आध्यात्मिक संकेत के रूप में देखा जाता है। वायरल हो रहे एक वीडियो में चील मंदिर के ध्वज को लेकर जगन्नाथ मंदिर के शिखर के चारों ओर मंडराती नजर आई। ज्योतिष विशेषज्ञ इस घटना को एक अपशकुन के तौर पर देख रहे हैं

इससे पहले भी साल 2020 में आकाशीय बिजली के चमकने मंदिर के ध्वज में आग लग गई थी तो उसके ठीक फिर कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। हालांकि इस पूरी घटना को लेकर मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं कुछ लोगों की मानें तो चील ने जिस ध्वज को पकड़ा है वह जगन्नाथ मंदिर का नहीं है बल्कि किसी और मंदिर का है।

यह ध्वज दर्शाता है कि भगवान जगन्नाथ हर व्यक्ति को अपनाते हैं, चाहे वो कितना भी पापी क्यों न हो। मान्यता है कि अगर किसी दिन यह ध्वज नहीं फहराया गया, तो उस दिन मंदिर में प्रसाद नहीं बनाया जाएगा और पूजा अधूरी मानी जाएगी। यह ध्वज हमेशा **हवा के विपरीत दिशा में लहराता है, जो भौतिक विज्ञान की दृष्टि से भी एक रहस्य है और इसे चमत्कार माना जाता है। मंदिर के गुम्बद पर सुदर्शन चक्र और ध्वज, दोनों को भगवान का जीवित प्रतीक माना जाता है, जब तक ध्वज लहरा रहा है, माना जाता है कि भगवान स्वयं वहां उपस्थित हैं।