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सावधान! विटामिन D की कमी से बच्चों में बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 20 Apr, 2025 03:00 PM
सावधान! विटामिन D की कमी से बच्चों में बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा

नारी डेस्क: आज के समय में बच्चे ज्यादातर समय घर के अंदर बिताते हैं, मोबाइल या टीवी में लगे रहते हैं और बाहर खेलना कम कर देते हैं। इसकी वजह से उन्हें जरूरी सूरज की रोशनी नहीं मिल पाती, जिससे शरीर में विटामिन D की कमी हो सकती है। यह कमी बच्चों की सेहत पर कई तरह से बुरा असर डालती है। आइए जानते हैं कि विटामिन D की कमी से बच्चों में कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है।

विटामिन D क्या है?

विटामिन D एक जरूरी विटामिन है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है। यह शरीर को कैल्शियम को ठीक से सोखने में मदद करता है। अगर विटामिन D की कमी हो जाए, तो शरीर को कैल्शियम नहीं मिल पाता और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

विटामिन D की कमी क्यों होती है?

सूरज की रोशनी में कम जाना
विटामिन D से भरपूर खाना न खाना
बहुत ज्यादा घर के अंदर रहना
त्वचा का रंग गहरा होना (गहरी त्वचा में विटामिन D कम बनता है)
मां में विटामिन D की कमी होना (शिशु को स्तनपान के समय असर पड़ता है)

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विटामिन D की कमी से होने वाली बीमारियां

रिकेट्स (Rickets): यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें बच्चों की हड्डियां कमजोर और टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। इसके लक्षण जैसे टांगों का O या X आकार में मुड़ जाना, हड्डियों में दर्द, सीने की हड्डियां बाहर निकलती सी दिखना, सिर का आकार बड़ा हो जाना।

हड्डियों में दर्द और कमजोरी: बच्चे बार-बार पैरों और घुटनों में दर्द की शिकायत करते हैं। चलने और खेलने में थकान महसूस करते हैं।

दांतों की समस्याएं: दाँत देर से निकलते हैं। दांत कमजोर और जल्दी टूट सकते हैं।

प्रतिरोधक क्षमता में कमी: बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है। सर्दी, जुकाम या बुखार जल्दी हो जाता है

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शारीरिक विकास में रुकावट: बच्चे की लंबाई और वजन ठीक से नहीं बढ़ते। शारीरिक विकास धीमा हो जाता है।

विटामिन D कैसे पाएं?

सूरज की रोशनी से: सुबह 8 से 10 बजे तक रोजाना 20-30 मिनट धूप में रहना चाहिए। छोटे बच्चों को बिना सनस्क्रीन के थोड़ी देर धूप में बैठाना फायदेमंद होता है।

खाने के स्रोत: अंडे की जर्दी (पीला हिस्सा), फैटी मछलियां (जैसे सालमन, टूना), गाय का दूध और उससे बने उत्पाद (दही, पनीर), विटामिन D फोर्टिफाइड दूध और अनाज।

डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट: अगर बच्चे में विटामिन D की कमी ज्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D की गोलियां या ड्रॉप्स दी जा सकती हैं।

विटामिन D की कमी से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और उनका शारीरिक विकास रुक सकता है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली से इसे आसानी से रोका जा सकता है।

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