नारी डेस्क: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की सुपरहिट फिल्म तारे जमीन पर के प्रदर्शन के 17 साल पूरे हो गये हैं। फिल्म 'तारे ज़मीन पर' न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह माता-पिता, शिक्षकों और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। इस फिल्म में ईशान अवस्थी नाम का बच्चा डिस्लेक्सिया नामक समस्या से जूझता है। यह समस्या सीखने और समझने में कठिनाई पैदा करती है, लेकिन फिल्म यह दिखाती है कि प्यार, समझ और सही मार्गदर्शन से हर बच्चा अपनी विशेषताओं को पहचान सकता है और प्रगति कर सकता है।
क्या है डिस्लेक्सिया
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसे पढ़ने, लिखने, और शब्दों को समझने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है। यह बीमारी बच्चों और वयस्कों में पाई जा सकती है और यह उनके सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। चूंकि यह स्थिति मुख्य रूप से आनुवंशिक और न्यूरोलॉजिकल कारणों से होती है, इसे पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है। लेकिन, शुरुआती पहचान और सही शिक्षण तकनीक बच्चे के जीवन को सामान्य और सफल बना सकती है।
पैरेंट्स के लिए फिल्म से सीखने योग्य बातें
हर बच्चा खास होता है: हर बच्चे की अपनी क्षमता और प्रतिभा होती है। किसी बच्चे को केवल पढ़ाई में अच्छे होने से ही नहीं आँका जाना चाहिए।
बच्चों को समझें और दबाव न डालें: बच्चों पर पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव डालने के बजाय उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें। अगर बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो यह जरूरी नहीं कि वह लापरवाह या आलसी हो।
सीखने की समस्या को पहचानें: बच्चों के व्यवहार और प्रदर्शन में किसी भी असामान्यता को नजरअंदाज न करें। अगर बच्चा पढ़ने, लिखने, या बोलने में कठिनाई का सामना कर रहा है, तो विशेषज्ञ की मदद लें।
रचनात्मकता को बढ़ावा दें: बच्चों को उनकी रुचि के क्षेत्रों में प्रोत्साहित करें, जैसे कला, खेल, संगीत, या अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ। ईशान की पेंटिंग प्रतिभा को उसके शिक्षक ने पहचाना और उसे प्रोत्साहित किया।
दंड के बजाय प्रोत्साहन का उपयोग करें: गलती करने पर बच्चों को डांटने या सजा देने के बजाय उन्हें समझाएं और सही करने का मौका दें। सकारात्मक व्यवहार से बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ता है।
बच्चों की मानसिक और भावनात्मक सेहत का ध्यान रखें: बच्चों के साथ संवाद करें और उनकी भावनाओं को समझें। उनके मन में डर या असुरक्षा की भावना को कम करने की कोशिश करें।
शिक्षक और माता-पिता का सहयोग:- शिक्षक और माता-पिता का सहयोग बच्चे के विकास के लिए जरूरी है। ईशान के शिक्षक (निकुंभ सर) ने माता-पिता को ईशान की स्थिति समझाई और उनके साथ मिलकर उसे बेहतर बनाने का प्रयास किया।
डिस्लेक्सिया के बारे में जागरूकता
डिस्लेक्सिया एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें बच्चे को अक्षरों, शब्दों और संख्याओं को समझने में कठिनाई होती है। सही उपचार और विशेष शिक्षण तकनीकों से इस समस्या को प्रबंधित किया जा सकता है। डिस्लेक्सिया का मतलब मानसिक कमजोरी नहीं है। सही मार्गदर्शन और प्रयासों से डिस्लेक्सिक व्यक्ति भी सफल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अल्बर्ट आइंस्टीन, स्टीव जॉब्स और टॉम क्रूज जैसे व्यक्तियों ने भी डिस्लेक्सिया से लड़कर सफलता पाई।