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महिलाओं की इन आदतों से हो सकता है बच्चेदानी का इंफेक्शन, जानें कारण लक्षण और उपाय

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 21 Dec, 2024 05:19 PM
महिलाओं की इन आदतों से हो सकता है बच्चेदानी का इंफेक्शन, जानें कारण लक्षण और उपाय

नारी डेस्क: महिलाओं के लिए उनकी बच्चेदानी (गर्भाशय) का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। यह न केवल मां बनने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। हालांकि, कई बार कुछ आदतें और गलतियां बच्चेदानी में इंफेक्शन (Uterus Infection) का कारण बन सकती हैं। यह समस्या समय पर पहचान और उपचार न होने पर गंभीर रूप ले सकती है। आइए इसे सरल भाषा में विस्तार से समझते हैं।

बच्चेदानी में इंफेक्शन के प्रमुख कारण

साफ-सफाई की कमी

प्राइवेट पार्ट्स की सही तरीके से सफाई न करना बैक्टीरिया और अन्य संक्रमण का कारण बन सकता है, जिससे बच्चेदानी में इंफेक्शन हो सकता है। नियमित सफाई न करने से बैक्टीरिया का विकास तेजी से हो सकता है, जो आगे चलकर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। साथ ही, गीले या गंदे अंडरगार्मेंट्स का इस्तेमाल करने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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अनियमित पीरियड्स

हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, जो बच्चेदानी में संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं। अनियमित पीरियड्स को लंबे समय तक नजरअंदाज करने से अंदरूनी सूजन और अन्य बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको बार-बार अनियमित पीरियड्स की समस्या हो रही है, तो इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से सही ट्रीटमेंट लें।

शारीरिक संबंध में लापरवाही

फिजिकल रिलेशन के दौरान सुरक्षा न अपनाने से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों (STDs) का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बच्चेदानी में संक्रमण हो सकता है। अनहाइजीनिक तरीके से संबंध बनाना और प्रोटेक्शन का उपयोग न करना संक्रमण का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। यह न केवल गर्भाशय बल्कि पूरे रिप्रोडक्टिव सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।

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हेल्थ चेकअप में लापरवाही 

नियमित स्वास्थ्य जांच न करवाना एक बड़ी गलती है। इससे समय पर किसी भी समस्या का पता नहीं चलता, जो बाद में गंभीर रूप ले सकती है। हेल्थ चेकअप से प्रारंभिक चरण में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है, जिससे इलाज आसान हो जाता है। महिलाएं अक्सर व्यस्तता के कारण हेल्थ चेकअप को टाल देती हैं, जो कि भविष्य में खतरनाक हो सकता है।

बच्चेदानी में इंफेक्शन के लक्षण

पेट में दर्द और ऐंठन: यह दर्द हल्का से लेकर गंभीर तक हो सकता है। लंबे समय तक दर्द बने रहने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

वजाइना से असामान्य और बदबूदार डिस्चार्ज: डिस्चार्ज का रंग पीला, हरा या भूरे रंग का हो सकता है। बदबू आने पर इसे नजरअंदाज न करें।

वजाइना में जलन और खुजली: यह जलन संक्रमण के फैलने का संकेत हो सकता है। खुजली बढ़ने पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।

बुखार या शरीर का तापमान बढ़ना: लंबे समय तक हल्का या तेज बुखार बना रह सकता है। यह गंभीर संक्रमण की निशानी हो सकती है।

अत्यधिक थकान और कमजोरी: शरीर में कमजोरी महसूस होना और काम करने की क्षमता में कमी आना। यह लक्षण लंबे समय तक बने रहने पर डॉक्टर से जांच कराएं।

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बच्चेदानी में इंफेक्शन के खतरे

अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह संक्रमण पेल्विक क्षेत्र में सूजन और अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।

बच्चेदानी में इंफेक्शन का उपचार

डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाएं: संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स और एंटिफंगल दवाओं का उपयोग किया जाता है। दर्द और सूजन के लिए पेन किलर और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जा सकती हैं।

आराम और सही जीवनशैली: डॉक्टर आराम करने की सलाह देते हैं। हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम से संक्रमण को दूर रखा जा सकता है।

कैसे बचें बच्चेदानी के इंफेक्शन से?

1. नियमित रूप से प्राइवेट पार्ट्स की सफाई करें।

2. पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

3. शारीरिक संबंध बनाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें।

4. किसी भी असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
 
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

 
 

  

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