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कामाख्या मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं? तो ये बातें जानना न भूलें

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 21 Dec, 2024 12:59 PM
कामाख्या मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं? तो ये बातें जानना न भूलें

 नारी डेस्क: कामाख्या माता का मंदिर असम राज्य के गुवाहाटी जिले में स्थित है और यह भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की विशिष्टता यह है कि यहां माता की कोई मूर्ति या तस्वीर नहीं होती है। यहां पर देवी के गर्भ और योनि की पूजा की जाती है। इसे शास्त्रों में विशेष स्थान प्राप्त है और यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है।

कामाख्या मंदिर का इतिहास

कामाख्या मंदिर का इतिहास काफी पुराना और अद्भुत है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने भगवान शंकर के तांडव को शांत करने के लिए माता सती के शरीर के टुकड़े किए थे, तो सती का गर्भ और योनि यहीं गिरे थे। तब से यह स्थल एक शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया और यहां माता की पूजा की जाती है।

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मंदिर की संरचना और दर्शन

कामाख्या मंदिर को तीन हिस्सों में बांटा गया है:

पहला हिस्सा: यह हिस्सा सबसे बड़ा होता है, जहां विशेष लोग और पवित्र लोग पूजा करते हैं। इसमें हर कोई नहीं जा सकता।

दूसरा हिस्सा: यहां श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं और पूजा करते हैं। यह हिस्सा आम भक्तों के लिए खोला जाता है।

इस मंदिर की संरचना विशेष रूप से तांत्रिकों और अघोरियों के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती है, जहां तंत्र विद्या का अभ्यास और सिद्धि प्राप्त करने के लिए विधियां की जाती हैं।

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अम्बुवाची मेला: एक खास अवसर

हर साल जून महीने में कामाख्या मंदिर में अम्बुवाची मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला खासतौर पर तब होता है जब माता रजस्वला होती हैं। इस दौरान ब्रह्मपुत्र नदी का पानी पूरी तरह लाल हो जाता है, जो एक चमत्कारी घटना मानी जाती है। इस मेले के दौरान तीन दिनों तक गुवाहाटी के सभी मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और श्रद्धालु इस समय को विशेष रूप से पूजा और ध्यान में लगाते हैं।

मेला का अंतिम दिन और भक्तों की आस्था

अम्बुवाची मेले के चौथे दिन भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। इस दिन भक्तों की विशेष इच्छा होती है कि वे माता के रज से भीगा हुआ कपड़ा प्राप्त करें, जिसे शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह दिन भक्तों के लिए अत्यधिक पवित्र और शुभ माना जाता है।

कामाख्या मंदिर की अद्वितीयता

कामाख्या मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह अपनी अनोखी पूजा विधियों और चमत्कारी घटनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां होने वाली पूजा विधि और तांत्रिक क्रियाएं पूरी दुनिया में अलग हैं। इस मंदिर का इतिहास और पूजा पद्धतियाँ इसे अन्य सभी मंदिरों से विशेष बनाती हैं।

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कामाख्या मंदिर भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां की पूजा विधियां, चमत्कारी कथाएं और अद्भुत ऐतिहासिक स्थल इसे विशेष बनाते हैं। जो लोग धार्मिक यात्रा पर जाते हैं, उन्हें इस मंदिर की यात्रा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि भारतीय पौराणिक धरोहर से भी जोड़ा हुआ है।

 
 

 
 

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