20 DECFRIDAY2024 10:19:33 PM
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Types Of Vastu Dosh: घर की महिलाएं बार- बार होती हैं बीमार, कहीं वास्तु दोष तो नहीं?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 20 Dec, 2024 04:46 PM
Types Of Vastu Dosh: घर की महिलाएं बार- बार होती हैं बीमार, कहीं वास्तु दोष तो नहीं?

नारी डेस्क: अक्सर लोग घर बनाते समय वास्तु के नियमों की अनदेखी कर देते हैं, जिसका खमियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ सकता है। वास्तु दोष न केवल घर के माहौल पर बल्कि उसमें रहने वालों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है। खासतौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य और ऊर्जा पर वास्तु दोष का सीधा असर पड़ता है। सही वास्तु के माध्यम से इन दोषों को दूर कर महिलाओं की सेहत और सकारात्मकता को बेहतर बनाया जा सकता है।  

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महिलाओं के स्वास्थ्य पर वास्तु दोष का प्रभाव

गलत दिशा में बेडरूम या रसोई होने से महिलाओं को शारीरिक थकान और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।  घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में वास्तु दोष महिलाओं में हार्मोनल समस्याएं जैसे अनियमित पीरियड्स या प्रजनन समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा उत्तर-पूर्व दिशा में भारी वस्तुओं का होना मानसिक तनाव और चिंता बढ़ा सकता है।  पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से महिलाओं में नींद की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।  वास्तु दोषों के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जो परिवार और विशेष रूप से महिलाओं के रिश्तों पर असर डालती है।  

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महिलाओं को वास्तु दोष से बचाने के उपाय 


बेडरूम की सही दिशा और सजावट:  दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेडरूम महिलाओं के स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए लाभदायक होता है,  सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में रखें।  बिस्तर के नीचे गंदगी या भारी वस्तुएं न रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।  

 रसोई की दिशा का ध्यान रखें: रसोई को हमेशा दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) दिशा में रखें।  पानी और अग्नि (गैस स्टोव) को पास में न रखें।  रसोई में लाल या काले रंग का अधिक उपयोग न करें।  


पूजा स्थान की सही दिशा: पूजा स्थल को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रखें। पूजा स्थान को हमेशा साफ-सुथरा और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रखें। पूजा घर के आसपास जूते-चप्पल न रखें।  


 घर में रोशनी और हवा का ध्यान रखें: घर के उत्तर और पूर्व दिशा में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और हवा आने दें। अंधेरे कोनों में नियमित रूप से दीपक जलाएं। घर में हल्के और सकारात्मक रंगों का प्रयोग करें।  


पौधों का उपयोग करें: तुलसी, मनी प्लांट, और बांस जैसे पौधे घर में रखें। उत्तर-पूर्व और उत्तर दिशा में पौधों का लगाना शुभ माना जाता है।  कांटेदार पौधों से बचें, ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।  घर के उत्तर-पूर्व दिशा में गंदगी या भारी सामान न रखें, घर में टूटे-फूटे बर्तन, शीशे, या फर्नीचर का इस्तेमाल न करें।  


मुख्य द्वार का विशेष ध्यान रखें: मुख्य द्वार को हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखें, दरवाजे पर स्वास्तिक, ओम, या मंगल कलश का चिन्ह बनाएं।  दरवाजे के पास कभी भी कूड़ा न रखें।  


इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सही स्थान: - इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रसोई और बेडरूम में सही स्थान पर रखें। टीवी और लैपटॉप को सोने की जगह से दूर रखें। माइक्रोवेव और रेफ्रिजरेटर को रसोई के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखें।  

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 वास्तु दोष निवारण के लिए उपाय

-  महिलाएं चांदी के गहने पहन सकती हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।  

-घर में मंगल यंत्र स्थापित करें और नियमित रूप से पूजा करें।  

- कोनों में कांच की कटोरी में सेंधा नमक रखें और हर 15 दिन में बदलें।  

-घर के कोनों में सप्ताह में एक बार लौंग और कपूर जलाएं।  

महिलाओं के स्वास्थ्य और ऊर्जा का वास्तु से गहरा संबंध है। सही दिशा, स्थान और ऊर्जा संतुलन से महिलाओं को न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है बल्कि मानसिक शांति और परिवार में सकारात्मकता भी बनी रहती है। इन वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने घर को महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक और सुखद स्थान बना सकते हैं।
 

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