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लेट Pregnancy का है प्लान तो पहले जान लें ये कड़वा सच!

  • Edited By Monika,
  • Updated: 27 Dec, 2025 11:17 AM
लेट Pregnancy का है प्लान तो पहले जान लें ये कड़वा सच!

नारी डेस्क : आजकल बदलते ट्रेंड और भागदौड़ भरी जिंदगी में लड़का हो या लड़की, दोनों ही देर से प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं। पहले जहां कम उम्र में शादी और बच्चे हो जाते थे, वहीं अब 30 के आसपास शादी और उसके कई साल बाद बेबी प्लान करना आम हो गया है। करियर, आर्थिक स्थिरता और लाइफस्टाइल इसकी बड़ी वजह हैं। लेकिन बायोलॉजी के नियम नहीं बदलते। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं में 25 साल के बाद और पुरुषों में 30 साल के बाद प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसका मतलब यह नहीं कि इसके बाद बच्चा नहीं हो सकता, लेकिन जच्चा और बच्चा दोनों को कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

लेट प्रेग्नेंसी (Late Pregnancy) क्या है?

आमतौर पर 35 साल के बाद पहली बार गर्भधारण करने को लेट प्रेग्नेंसी माना जाता है। इस उम्र के बाद प्रेग्नेंसी को मेडिकल भाषा में हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा जाता है, क्योंकि जटिलताओं की संभावना बढ़ जाती है।

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लेट प्रेग्नेंसी (Late Pregnancy) के 5 बड़े नुकसान

प्रजनन क्षमता में कमी

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में अंडों (एग्स) की संख्या और क्वालिटी कम होने लगती है। खासतौर पर 35 साल के बाद नेचुरली प्रेग्नेंट होने में दिक्कत आ सकती है। पुरुषों में भी उम्र के साथ स्पर्म की क्वालिटी और गतिशीलता घटती है, जिससे कंसीव करने में समस्या हो सकती है।

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प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान गंभीर समस्याएं

लेट प्रेग्नेंसी में महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर, गर्भकालीन डायबिटीज, थायरॉइड और प्री-एक्लेम्पसिया जैसी समस्याओं का खतरा ज्यादा रहता है। ये बीमारियां मां की सेहत के साथ-साथ बच्चे की ग्रोथ को भी प्रभावित करती हैं।

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मिसकैरेज और सीजेरियन का बढ़ा जोखिम (Miscarriage and Caesarean)

ज्यादा उम्र में गर्भधारण करने पर गर्भपात (मिसकैरेज) का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा नॉर्मल डिलीवरी की संभावना कम और सीजेरियन डिलीवरी का रिस्क ज्यादा हो जाता है, जिससे रिकवरी में भी ज्यादा समय लगता है।

बच्चे की सेहत पर असर

लेट प्रेग्नेंसी में पैदा होने वाले बच्चों में जेनेटिक और क्रोमोसोमल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। खासकर डाउन सिंड्रोम जैसी समस्याओं का रिस्क ज्यादा देखा जाता है। इसके अलावा बच्चा कम वजन का पैदा हो सकता है या समय से पहले डिलीवरी हो सकती है।

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शारीरिक और मानसिक थकान

बच्चे की परवरिश के लिए शारीरिक ताकत, धैर्य और समय तीनों की जरूरत होती है। ज्यादा उम्र में माता-पिता जल्दी थक जाते हैं और तनाव महसूस करते हैं। अक्सर इस उम्र में दोनों पार्टनर कामकाजी होते हैं, जिससे बच्चे को पर्याप्त समय देना मुश्किल हो जाता है।

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बच्चे करने की सही उम्र क्या है?

मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार 25 से 30 साल की उम्र प्रेग्नेंसी के लिए सबसे सुरक्षित और बेहतर मानी जाती है। इस उम्र में प्रेग्नेंसी से जुड़ी जटिलताएं कम होती हैं और मां व बच्चा दोनों ज्यादा स्वस्थ रहते हैं।

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अगर देर करनी पड़े तो क्या करें?

अगर किसी वजह से आप देर से प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं, तो:
पहले से डॉक्टर से सलाह लें
रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं
सही डाइट और लाइफस्टाइल अपनाएं।
तनाव से दूर रहें।

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चाहे मेडिकल साइंस कितनी भी आगे क्यों न बढ़ जाए, सही उम्र में बच्चे पैदा करना ही सबसे बेहतर विकल्प होता है। कोशिश करें कि 30 साल से पहले अपना बेबी प्लान पूरा कर लें। अगर देर हो जाए, तो पूरी सावधानी और एक्सपर्ट गाइडेंस के साथ ही प्रेग्नेंसी प्लान करें, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।
 

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