20 APRSATURDAY2024 1:22:05 PM
Nari

महिला शौचालय में बदली पुरानी बसें, 5 रुपए में मिलती है यह सुविधाएं

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 07 Feb, 2020 03:43 PM
महिला शौचालय में बदली पुरानी बसें, 5 रुपए में मिलती है यह सुविधाएं

देश में महिलाओं को बराबर का हक देने की बहुत सी बातें की जाती है लेकिन अभी भी उन्हें बेसिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाएं जाती है। घर से निकलने के बाद आज भी महिलाओं को शौचालय जैसी समस्या का काफी सामना करना पड़ता है। महिलाओं की इसी समस्या को देखते हुए पुणे में महिलाओं के लिए गुलाबी बसें शुरु की गई है। जिसमें न केवल शौचालय बल्कि कैंटीन, बच्चों के डायपर बदलने और ब्रेस्टफीडिंग की जगह है। इन बसों के कारण वहां की महिलाओं को न ही भीड़ भरे बाजार में अधिक लंबा सफर तय करना पड़ता है न ही शौचालय के इस्तेमाल से इंफेक्शन होने का खतरा होता है। महिलाओं की इस समस्या को देखते हुए पुणे में गुलाबी बसों की शुरुआत बिजनेसमैन उल्का सादरकर और उनके पति राजीव खेर ने की है।

PunjabKesari


पुरानी बसों का किया इस्तेमाल 

पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से महिलाओं में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है ऐसे में उल्का ने शहर की पुरानी बसों को महिला टॉयलेट में बदल दिया। उनके इस शुरुआत पर कुछ 1.3 करोड़ की लागत लगी है। फिलहाल उन्होंने शहर भर में 13बसें चलाई है, जिनका नाम ती रखा है। 

 

एक बार प्रयोग पर अदा करने होते है 5 रुपए

यह बस साधारण पब्लिक टॉयलेट से काफी अलग और साफ सुथरे है। इसमें इंडियन और वेस्टर्न टॉयलेट के साथ वॉशबेसिन, बच्चों के डायपर बदलने का स्टैंड, ब्रेस्टफीडिंग की स्पेस उपलब्ध है। वहीं बसों में महिलाओं के लिए वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है। बस में बिजली से चलने वाले उपकरणों के लिए सोलर सिस्टम लगाया गया है ताकि खर्चे को कम किया जा सके। वहीं बसों पर होने पर खर्चे को पूरा करने के लिए कुछ पॉश एरिया की बसों पर 5 रुपए फीस रखी गई है। बस में हर समय एक अटेंडेट मजूद रहता है जो कि बस का सारा काम देखता है। वहीं महिलाओं को अधिक सुविधा प्रदान करते हुए बसों में छोटी सी कंटीन बनाई गई है जहां से खाना-पीने और अन्य छोटी-मोटी चीजों की खरीददारी की जा सकती है। 

PunjabKesari

 

सेनेटरी इंडस्ट्री का है हिस्सा

उल्का और उनके पति राजीव पहले से ही सेनेटरी इंडस्ट्री का हिस्सा है। पुणे शहर में जब पब्लिक टॉयलेट बनाने की जगह नहीं थी तो वहां की कार्पोरेशन ने इस कपल की सहायता मांगी और उन्होंने मदद के लिए हां कर दी। इसके बाद 2016 में उन्होंने बसो को टॉयलेट में बदलने का काम शुरु किया और उन्हें यह आइडिया सेन फ्रांसिस्को के एनजीओ से मिला। 

 

PunjabKesari

शुरु में आई कई दिक्कतें 

2016 में जब पहली बार उल्का ने बस सर्विस शुरु की थी महिलाओं को लगता था कि पब्लिक टॉयलेट की तरह यह बस भी अंदर से काफी गंदी होगी। इसमें कई तरह सुविधाएं उपलब्ध नहीं होगी या मिलने वाली सुविधाओं के लिए अधिक पैसे मांगे जाएंगे। इसलिए महिलाओं में फैले इस भ्रम को तोड़ा गया। अब ज्यादातर बसों का रोज 200 से 300 बार इस्तेमाल होता है। 

 

अन्य शहरों में भी शुरु होगी सर्विस 

फिलहाल पुणे में 13 बसों के साथ यह सर्विस शुरु की गई है। इसके बाद मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, नागपुर जैसे शहरों में भी सरकार की मदद से यह सर्विस शुरु की जाएगी। उल्का का सपना है कि वह आने वाले 5 सालों में शहर के अंदर 1000 बसों की सर्विस शुरु कर

लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP

Related News