
नारी डेस्क: पाकिस्तान में सिंध प्रांत में पानी की कमी को लेकर स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सिंध के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए हैं और अब यह आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। सिंध में सिंधु नदी के पानी पर चल रहे विवाद को लेकर नहर प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने इस आंदोलन को और उग्र करते हुए सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर में घुसकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पानी की समस्या पर पाकिस्तान में आंदोलन तेज़
भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान में सिंधु नदी के पानी को लेकर आंदोलन और तेज हो गया है। सिंध प्रांत में सिंधु नदी पर नहरों के निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ गया है। पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, मोरो तालुका में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई। इस झड़प में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और गोलीबारी भी की, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
गृह मंत्री के घर में तोड़फोड़ और आगजनी
विरोध बढ़ने के बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्होंने दो ट्रेलरों को आग लगा दी और सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लांजार के घर में घुसकर तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आग लगा दी और कुछ मोटरसाइकिलों को भी जलाया। प्रदर्शनकारी अपनी बगावत को और बढ़ाते हुए बंदूकें लेकर गृह मंत्री के घर पहुंचे थे। इसके बाद मोरो शहर की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात भी पूरी तरह से रोक दिया गया। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए उच्च अधिकारियों को भेजा और अन्य थानों से भी पुलिस बल को बुलवाया।
सियासी बयानबाज़ी और हिंसा का आरोप
इस घटना के बाद सिंध सरकार के नेता और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सूचना सचिव अजीज धामरा ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे एक आतंकवादी गतिविधि करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी राजनेता के घर पर हमला करना किसी साजिश की ओर इशारा करता है। वहीं, सिंध के गृह मंत्री ने घटना की जांच के लिए नौशहरो फिरोज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
स्थिति पर काबू पाने की कोशिशें
पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को काबू में करने के लिए कार्रवाई शुरू की और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। हालांकि, अब तक इस हिंसा में किसी भी प्रमुख नेता की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस और प्रशासन स्थिति को शांत करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा कम होता हुआ नहीं दिख रहा है।