नारी डेस्क: भगवान श्री कृष्ण को बांसुरी अत्यंत प्रिय है। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर उन्हें चांदी की बांसुरी चढ़ाने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। इस दिन चांदी की बांसुरी चढ़ाने की परंपरा से घर में सुख-समृद्धि आती है और नौकरी या व्यवसाय में तरक्की मिलती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है, और इस साल यह त्योहार 18 अगस्त 2022, गुरुवार को होगा।
पैसों की तंगी दूर होती है
चांदी की बांसुरी को श्री कृष्ण को चढ़ाने के बाद, उसे अपने पर्स में रखने से पैसों की तंगी दूर होती है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। बांसुरी का यह छोटा सा टुकड़ा वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने में सहायक साबित हो सकता है।
मनोकामनाओं की पूर्ति
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के पास चांदी की बांसुरी पूजा में रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह विधि आपके व्यवसाय और नौकरी में आ रही समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होती है। श्री कृष्ण की कृपा से इच्छित फल प्राप्त होते हैं।
तरक्की में वृद्धि
चांदी की बांसुरी को श्री कृष्ण की पूजा में शामिल करने से जीवन की राहों में तरक्की मिलती है। इससे जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और प्रगति की राह आसान होती है। बांसुरी की पूजा से नौकरी और व्यवसाय में उन्नति होती है।
धन-संपत्ति में वृद्धि
चांदी की बांसुरी को पूजा के बाद घर के किसी भी कोने में रखने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। यह उपाय घर में वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद करता है और आर्थिक समृद्धि का संकेत होता है।
तिरोजी में रखना
जन्माष्टमी के दिन चांदी की बांसुरी को भगवान श्री कृष्ण पर चढ़ाने के बाद तिरोजी (ग्रहों के शुभ स्थान) में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को भी बढ़ाता है।
जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को चांदी की बांसुरी चढ़ाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य है, जो आपके जीवन में सुख, समृद्धि और तरक्की ला सकता है। इस पावन दिन पर चांदी की बांसुरी को विशेष रूप से पूजा में शामिल करें और अपने घर में इसे उचित स्थान पर रखें। इससे न केवल आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी, बल्कि आपको आर्थिक लाभ और जीवन में प्रगति भी प्राप्त होगी।