22 NOVFRIDAY2024 3:45:07 AM
Nari

प्रभु श्रीराम का वंशज है ये Rajasthani परिवार, सोशल मीडिया पर दिखाया सबुत

  • Edited By palak,
  • Updated: 24 Jan, 2024 04:45 PM
प्रभु श्रीराम का वंशज है ये Rajasthani परिवार, सोशल मीडिया पर दिखाया सबुत

प्रभु श्रीराम के वंशज आज भी जीवित हैं। यह बात सुनकर शायद आपको विश्वास ना हो लेकिन यह सच है। यह वंशज देश के अलग-अलग राज्यों में रहते हैं। उनमें से काफी सारे राजस्थान के रहने वाले भी हैं। हाल ही में एक परिवार ने दावा किया है कि यह परिवार भगवान राम के वंशज है। सोशल मीडिया पर उन्होंने कुछ ऐसी पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें यह दिखाया गया है कि इस परिवार का भगवान राम से पुराना ताल्लुक था। 

शाही परिवार ने दिखाई अपना वंशावली 

राजस्थान के 'सूर्यवंशी राजपूत' नाम के शाही परिवार ने भगवान राम के अस्तितत्व का दावा करते हुए एक वंशावली प्रस्तुत की है जिसमें भगवान राम और दशरथ का नाम दिखाया गया है। इतिहासकारों ने मेवाड़ शाही परिवार की परंपराओं और रीति-रिवाजों को लिखा है क्योंकि शिव भक्त और सूर्यवंशी इस बात का सबूत हैं कि वे भगवान राम के वंशज हैं। गौरवशाली वंश की 309वीं पीढ़ी जयपुर के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने मंदिर में श्रीराम की मूर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में परिवार का प्रतिनिधित्व किया है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by @rajwadisanskriti

भारत के फेमस खिलाड़ी हैं पद्मनाभ सिंह

पद्मनाभ सिंह एक फेमस भारतीय खिलाड़ी हैं जिनकी शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज और इंग्लैंड के समरसेट स्ट्रीट के एक पब्लिक स्कूल मिलफील्ड में हुई थी। खबरों की मानें तो उन्हें उनकी दादी उर्फ राजमाता पद्मिनी देवी ने पाचो उपनाम दिया था। इस शाही परिवार ने परिवार की आधिकारिक वंशावली को 18वीं सदी के कपड़े पर चित्रित अयोध्या के ऐतिहासिक मानचित्र के साथ शेयर किया है। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने यह कपड़ा एक संत से खरीदा था और परिवार ने पीढ़ियों से इस नक्शे को संरक्षित रखा है। 

PunjabKesari

भगवान राम की राजधानी थी अयोध्या

कर्नल जेम्स टॉड की किताब एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान की मुताबिक लिखा है कि भगवान राम की राजधानी अयोध्या थी। उनके पुत्र लव ने लवकोट यानी की लाहौर की स्थापना की थी। लव के पूर्वज प्राचीन काल में गुजरात चले गए और वहां से वह अहद यानी की मेवाड़ आए जहां उन्होंने सिसोदिया वंश की स्थापना की। 

PunjabKesari

शुरुआत में उनकी राजधानी चितौड़ थी और बाद में वे उदयपुर में शिफ्ट हो गए। सूर्य को शाही परिवार की विरासत का प्रतीक माना जाता है। भगवान राम को भगवान शिव के उपासक के रुप में जाना जाता था। इस तरह मेवाड़ राजघराने एकलिंगनाथ यानी  भगवान शिव की पूजा करते थे। 

Related News