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100 कलाकारों ने मिलकर कोलकत्ता में सजाया मां दुर्गा का पंडाल, स्वागत के लिए रखी अलग Theme

  • Edited By palak,
  • Updated: 25 Sep, 2022 06:26 PM
100 कलाकारों ने मिलकर कोलकत्ता में सजाया मां दुर्गा का पंडाल, स्वागत के लिए रखी अलग Theme

मां दुर्गा के शारदीय नवरात्रि कल से शुरु होने वाले हैं। वैसे तो पूरे भारत में नवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन कोलकत्ता का दुर्गा पर्व पंडाल बहुत ही मशहूर हैं। यहां पर बहुत ही उत्साह के साथ दुर्गा पर्व मनाया जाता है। हर साल पूजा का पंडाल सजाने के लिए नई थीम भी रखी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, श्रीभूमि स्पोर्ट्स क्लब का पंडाल अपनी अलग-अलग तरह की थीम के पंडाल बनाने के लिए जाना जाता है। इन बार श्रीभूमि स्पोर्ट्स क्लब ने वेटिकन सिटी के रुप में एक अलग थीम पंडाल के लिए चुनी है। तो चलिए आपको बताते हैं इस थीम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें...

वेटिकन सिटी की देंगे लोगों को जानकारी 

राज्य के अग्निशमन मंत्री और क्लब के अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि - 'अपना 50वां वर्ष मना रहे श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने इस बार पंडाल की थीम वेटिकन सिटी रखी का सेंट पीटर्स बेसिलिका रखा है। सभी लोगों ने रोम में वेटिकन सिटी के बारे में सुना ही है। इस पंडाल के माध्यम से लोग इस देख पाएंगे। जो लोग रोम जाकर वेटिकन सिटी देखना चाहते हैं इस पंडाल के जरिए उनकी यह इच्छा पूरी होगी।' आगे उन्होंने बताया कि पंडाल को बनाने में करीबन 60 दिन लगे। इस पंडाल पर कम से कम 100 से ज्यादा कारीगरों ने काम किया है। पिछले साल हमने पंडाल में बुर्ज खलीफा बनाया था। भीड़ का प्रबंध करने के भी सारे इंतजाम किए गए हैं। 

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पूरा हफ्ता चलता है दुर्गाउत्सव

दुर्गा पूजा बंगाली लोगों का बहुत ही खास त्योहार होता है। यह त्योहार देवी के हर रुप को समर्पित होता है। पूरा हफ्ता चलने वाले इस उत्सव के लिए पूरे देश में पंडाल स्थापित किए जाते हैं। दुर्गा पूजा एक शुभ घटना बुराई पर अच्छाई के जीत की प्रतीक है। इसे महिषासुर पर हिंदू देवी दुर्गा की जीत के रुप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा आश्विन मास में पड़ती है। अश्विन मास अक्टूबर और सितंबर के बीच मनाया जाता है। इसलिए इसे दुर्गाउत्सव और शारदोत्सव भी कहते हैं। 

नए वस्त्रों और आपस में मिठाई बांटकर मनाते हैं दुर्गापूजा 

दुर्गापूजा के पावन त्योहार पर भक्त नए वस्त्र पहनते हैं। मां की आरती करते हैं। मंदिरों में जाते हैं, मिठाई बांटते हैं। अपने-अपने घरों की सफाई करते हैं। कुछ लोग देवी को प्रसन्न करने के लिए उपवास भी करते हैं। 

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