भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर लोग श्रीकृष्ण की कृपा पाने की लिए रात भर भजन- कीर्तन करते हैं। उनको अलग- अलग भोग लगाने के साथ विधि-विधान से पूजा करते हैं। ऐसे में आज हम आपको श्रीकृष्ण के विशेष मंत्रों के बारे में बताते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से घर में सुख- समृद्धि, शांति आने के साथ जीवन की चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। तो चलिए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में...
भगवान श्रीकृष्ण का मूलमंत्र
'कृं कृष्णाय नमः'
यह श्रीकृष्ण का मूलमंत्र है। इस मंत्र का जाप रोजा सुबह नहाकर साफ कपड़े पहन कर 108 बार करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन की सभी परेशानियों का हल हो जाता है।
सप्तदशाक्षर श्रीकृष्णमहामन्त्र
'ऊ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा'
श्रीकृष्ण के इस मंत्र का जाप सच्चे मन से पांच लाख बार करना चाहिए। पुराणों के अनुसार, इस मंत्र का उच्चारण करने के साथ हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान माना जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है। उसे जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है।
सात अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र
'गोवल्लभाय स्वाहा'
इस सात (7) अक्षरों वाले मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से व्यक्ति को सभी सिद्धियों मिल जाती है।
आठ अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'गोकुल नाथाय नमः'
इस आठ(8) अक्षरों वाले भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र का जाप करने से जीवन की समस्त मुश्किल दूर हो। व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।
दशाक्षर श्रीकृष्ण मन्त्र :
'क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः'
इस दशाक्षर (10) अक्षर वाले मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सभी सिद्धियां मिल जाती है।
द्वादशाक्षर श्रीकृष्ण मन्त्र
'ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय'
श्रीकृष्ण के इस कृष्ण द्वादशाक्षर (12) मंत्र का जो भी व्यक्ति सच्चे मन से जाप करता है। उसे जीवन की हर इच्छा पूरी होने के साथ सुख- समृद्धि मिलती है।
बाईस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्सों।'
जो साधक बाईस (22) अक्षरों वाले मंत्र का जाप करता है। उसे वागीशत्व अर्थात विद्या, कुशलता और बुुद्धि की प्राप्ति होती है।
तेईस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री'
भगवान श्रीकृष्ण के तेईस (23) अक्षरों वाले मंत्र का जाप करने से जीवन की सभी परेशानियां, मुश्किलों का अंत हो व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
अट्ठाईस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा'
इस अट्ठाईस (28) अक्षरों वाले मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से व्यक्ति को अभिष्ट वस्तुएं यानि उसकी हर मनोकामना की पूर्ति होती है।
उन्तीस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा।'
श्रीकृष्ण के उन्तीस(29) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र का 1 लाख बार जाप करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही घी, शहद, शक्कर और फूलों के साथ हवन करने से घर में धन की देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही देवी लक्ष्मी का घर में वास होता है।
बत्तीस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।'
बत्तीस (32) अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मन्त्र का जाप करने के साथ दूध, शक्कर से बनी खीर से बवन करना बेहद शुभ होता है। इससे व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होने के साथ जीवन की मुश्किलों का अंत हो जाता है।
तैंतीस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मन्त्र
'ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥'
श्रीकृष्ण के तैंतीस (33) अक्षरों वाले मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से बु्द्धि बढ़ती है। ऐसे में व्यक्ति को समस्त