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बॉलीवुड की प्यारी मां Nirupa Roy जिसे हर किसे ने प्यार दिया, लेकिन खुद के बच्चों ने ही दिए गम

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 03 Oct, 2022 12:57 PM
बॉलीवुड की प्यारी मां Nirupa Roy जिसे हर किसे ने प्यार दिया, लेकिन खुद के बच्चों ने ही दिए गम

बॉलीवुड में ऐसे बहुत से स्टार्स हैं जिनके किरदार इतने फेमस हो गए कि लोग आज भी उन्हें उन्हीं किरदारों की वजह से ही याद करते हैं। बॉलीवुड में आपके एक ऐसी मां देखी होगी जो हमेशा अपने बिछड़े बच्चों को याद करके रोती और दुखी रही । ये वो मां थी जिन्होंने लगभग हर फिल्म में दुख देखा। जी हां,  हम बात कर रहे हैं निरूपा राय की जिन्होंने ज्यादातर मां का ही किरदार निभाया और बच्चों को बचाने के लिए हर समय या तो प्रार्थनाएं करती रही या दुख झेलते रही अपने 5 दशक लंबे करियर में उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में एक्टिंग की। उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी इमोशनल रही  लेकिन असल जिंदगी में निरूपा अपने बच्चों से ही दुखी रही और जो भी गम मिला वो बच्चों से ही मिला। 

तो चलिए आज आपको निरूपा राय के बारे में बताते हैं। 

निरूपा रॉय जिनका पूरा नाम नाम कोकिला किशोर चंद्र बुलसारा था। 4 जनवरी 1931 को गुजरात के वलसाड में एक ट्रडीशनल गुजराती फैमिली में जन्मी निरूपा रॉय को हिंदी सिनेमा में क्वीन ऑफ क्वीन के नाम से भी जाना जाता है। एक ऐसी मां जिसे देखने के बाद हर किसी के मन में उनके लिए प्यार उमड़ आता था लेकिन ये प्यार उनके बच्चों को उन पर नहीं आया। 

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बता दें कि उनके पिता किशोर चंद्र बुलसारा रेलवे में कर्मचारी थे। पहले निरूपा का नाम कांता चौहान था। उनके मम्मी-पापा उन्हें प्यार से 'छीबी' कहकर बुलाते थे। कांता उर्फ निरूपा अभी स्कूल में थीं, जब उनके पिता ने उनकी शादी 14 साल की उम्र में कमल रॉय से कर दी और शादी के बाद कांता का नाम बदलकर कोकिला रख दिया गया। 

1945 में अपने पति के साथ मुबंई आई थी निरुपा रॉय 

इस तरह वह  अभी फिल्मों में नहीं आई थी और करियर शुरू करने से पहले ही उनकी शादी हो चुकी थी। साल 1945 में वो अपने पति के साथ मुंबई आ गईं। उसके बाद अपना करियर बनाने के लिए निरूपा मुंबई पहुंची थी। दरअसल उन्होंने एक अखबार में एक कहानी देखी थी जिसके बाद ही वह इंटरव्यू देने के लिए प्रोडक्शन हाउस पहुंचीं थी। यहीं से निरूपा ने अपना असली नाम बदला और बन गई निरूपा रॉय। जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन की तब उनकी उम्र महज 15 साल थी।

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पति के कहने पर निरूपा राय ने 40 के दशक में आने वाली गुजराती फिल्म के लिए ऑडिशन दिया था लेकिन इस ऑडिशन से जुड़ी एक कड़वी याद हमेशा उनके साथ बनी रही। दरअसल, उस फिल्म के लिए निरूपा और उनके पति कमल रॉय, दोनों ने ही अहम भूमिका के लिए ऑडिशन दिया था जिसमें निरूपा को तो लीड रोल मिला लेकिन उनके पति कमल रिजेक्ट हो गए लेकिन बाद में उन्हें भी हटाकर अंजना को ये रोल दिया गया। 

लेकिन उस जमाने में घर की बेटी का फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। यह खबर सुनने के बाद फैमिली में हंगामा मच गया था। खासकर उनके पिता इस बात से काफी नाराज थे। निरूपा रॉय ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरे फिल्म साइन करने के बाद पापा ने कहा था कि वो मुझसे रिश्ता खत्म कर लेंगे। वक्त के साथ सभी ने मेरे फिल्मी करियर को अपना लिया था, लेकिन पापा अंतिम सांस तक अपनी कही बात पर अडिग रहे। मेरी मां मुझसे छुपकर मिलती थीं।"

निरूपा ने अभिनय की शुरूआत अमर राज फिल्म से की थी। उन्होंने कई फिल्में में तो अभिनेता अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था। जितनी भी फिल्में उन्होंने अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई, सभी फिल्में सुपरहिट साबित हुईं। मां के हर रोल में उन्होंने फैंस का प्यार बटौरा लेकिन असल जिंदगी में उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिल पाया।

घर परिवार से कभी नहीं मिला निरुपा रॉय को प्यार 

पर्सनल लाइफ की बात करें तो घर परिवार और बच्चों से उन्हें कभी प्यार नहीं मिल पाया। निरुपा रॉय के दो बच्चे थे योगेश और किरण रॉय। निरुपा, 13 अक्तूबर 2004 को दुनिया से अलविदा कह गई और उनके जाने के बाद भी उनके बच्चों में विवाद ही खड़ा रहा। साल 2015 में कमल रॉय भी इस दुनिया से अलविदा कह गए थे लेकिन मौत के बाद उनके बच्चे संपत्ति को लेकर ही झगड़ते रहे और विवाद कोर्ट तक पहुंच गया। निरूपा अपने पीछे 100 करोड़ की संपत्ति छोड़ गई थी जिसके लिए उनके दोनों बेटों के बीच काफी लड़ाई हुई। 

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उनके बेटे किरण ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके भाई योगेश और उनकी पत्नी उनके माता-पिता के साथ बुरा व्यवहार करते थे। भले ही योगेश को माता-पिता के घर में उनके साथ रहने की इजाजत थी लेकिन योगेश को मम्मी और डैडी के कमरे में जाने की इजाजत नहीं थी क्योंकि वह मां और पापा से बुरा व्यवहार करता था और उन्हें शारीरिक रूप से तकलीफ व चोट पहुंचाता था। वहीं माता पिता के आखिरी समय में भी वह ही उनके साथ थे वहीं मां व पिता अपनी वसीयत में जायदाद उनके नाम कर गए थे लेकिन योगेश भी इस मामले में कोर्ट पहुंचा था। तो देखा आपने निरूपा रॉय जिन्होंने सब कुछ अपने बच्चों के लिए किया और मरने के बाद भी उनके लिए एक अच्छी खासी प्रॉपर्टी छोड़ गई थी। 


 

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