बॉलीवुड की पुरानी हीरोइनें भले ही इंडस्ट्री से ब्रेक लेकर आराम से जिंदगी बिता रही हो लेकिन उनके चाहने वालों की गिनती कम नहीं होती। बॉलीवुड की हिट एक्ट्रेस में आशा पारेख का नाम भी शामिल रहा है जिन्होंने करियर में बलुंदियां हासिल की लेकिन बावजूद इसके आशा पारेख की जिंदगी में वो समय भी आया जिसकी शायद उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी चलिए आपको आशा पारेख की जिंदगी से जुड़े ही कुछ दिलचस्प किस्से बताते हैं।
गुजराती परिवार में जन्मी थी आशा
आशा पारेख जिनका जन्म एक गुजराती परिवार में 2 अक्टूबर 1942 को हुआ था। उनका मां ने आशा को छोटी उम्र में डांस क्लासेस में दाखिला दिलवाया था क्योंकि वह डांस की शौकीन थी और इसी डांस की बदौलत वह मायानगरी पहुंच गई थी। हालांकि आशा पारेख पहले डॉक्टर बनने का सपना देखती थी और पढ़ाई में भी होशियार थी लेकिन किस्मत ने उन्हें एक अदाकार का रूप दिया। फेमस डायरेक्टर बिमल रॉय ने उन्हें स्टेज पर डांस परफॉर्म करते देखा था। उस समय वह सिर्फ 10 साल की थी। उन्होंने चाइड आर्टिस्ट के तौर पर बेबी आशा को फिल्म मां और फिर बाप-बेटी में लिया लेकिन फिल्में फ्लॉप रहीं। इसके बाद आशा भी दोबारा अपनी पढ़ाई में लग गई। फिर 16वें साल में उन्होंने दोबारा इंडस्ट्री में एक्ट्रेस के रूप में एंट्री ली लेकिन उससे पहले आशा पारेख के साथ कुछ ऐसा हुआ था जिसे शायद वो कभी भुला नहीं सकतीं। दरअसल इससे पहले फिल्म निर्माता विजय भट्ट की 'गूँज उठी शहनाई' फिल्म के लिए उन्हें ये कह कर रिजेक्ट कर दिया गया था कि वह एक्ट्रेस बनने के काबिल नहीं थी इसके कुछ दिन बाद फिल्म निर्माता सुबोध मुखर्जी और लेखक-निर्देशक नासिर हुसैन ने उन्हें शम्मी कपूर के अपोजिट दिल देके देखो में कास्ट किया और इस फिल्म ने उनका सितारा चमका दिया। इसके बाद तो उन्होंने नासिर हुसैन की ही फिल्मों में काम किया और सब फिल्में हिट भी रही। आशा पारेख का करियर फिर आगे ही बढ़ता गया। शम्मी कपूर उनकी पहली फिल्म के हीरो थे और शम्मी कपूर ही उनके फेवरेट एक्टर थे। शम्मी से आशा जी ने बहुत कुछ सीखा इसीलिए वो शम्मी जी और उनकी पत्नी गीता बाली को प्यार और आदर से चाचा चाची कहतीं थीं।
नहीं अच्छी रही पर्सनल लाइफ
वहीं बात उनकी पर्सनल लाइफ की करें तो वह प्रोफेशनल लाइफ की तरह इतनी भाग्यशाली नहीं रही क्योंकि उन्हें उस शख्स से प्यार हुआ जो पहले से ही किसी और का था। दरअसल, आशा जी को नासिर हुसैन से प्यार था और नासिर हुसैन पहले से ही शादीशुदा थे लेकिन अपने प्यार की खातिर आशा किसी का घर नहीं तोड़ सकती थी इसलिए उन्होंने शादी ना करने का ही फैसला ले लिया और ताउम्र कुंवारी रहीं। एक समय वह बहुत ज्यादा अकेली पड़ गई थी।
अकेले पड़ गई थी आशा
आशा पारेख अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी और जब पेरेंट्स दुनिया से चल बसे तो आशा एकदम अकेले पड़ गई थी। यहां तक कि वह इस तरह से डिप्रेस हो गई थी कि खुद को मारना चाहती थी इस बारे में आशा जी ने कहा था कि मैं इस मामले में बहुत भाग्यशाली हूं क्योंकि मेरे माता-पिता ना मेरे हर कदम पर मेरा साथ दिया। मेरी मां हमेशा ही मेरे करियर के लिए अपना सर्वस्व निछावर करती रही इसलिए उन्हें खोने के बाद में बहुत टूट गई थी। माता-पिता के मौत के बाद मैं डिप्रेशन में चली गई और इतना ज्यादा टूट गई थी कि खुदकुशी के बारे में सोचने लगी थी लेकिन फिर डॉक्टरों की मदद से मैं इस से बाहर निकली।
नासिर हुसैन ने किया था सपोर्ट
हालांकि उनके फ्रेंड, फिलॉसफर और गाइड नासिर हुसैन से इमोशनल और मेंटल सपोर्ट मिला। आशा उन्हें सच्चे मन से प्यार करती थी लेकिन वह किसी का बसा बसाया घर बर्बाद नहीं करना चाहती थीं। इसके बाद आशा ने खुद को व्यस्त रखने की कोशिशों में लगा लिया वो एक बच्चा गोद लेना चाहती थी लेकिन डाक्टर ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया क्योंकि रिपोर्टस के मुताबिक बच्चे को बीमारियां थीं।
अपनी डांस एकेडमी चलाती हैं आशा
फिलहाल आशा अब अपनी डांस एकेडमी, कारा भवन और उनके ही नाम पर मुंबई में बने हॉस्पिटल को चलाने में व्यस्त रहती हैं। उन्हें कुछ खास इवेंट्स और रिएलिटी शो में बतौर जज के रूप में देखा जाता है हालांकि अब वो काफी उम्रदराज दिखती हैं।