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आज लगेगा साल का आखिरी चंद्रग्रहण,  जानिए भारत में कितना दिखेगा इसका असर?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 28 Oct, 2023 09:46 AM
आज लगेगा साल का आखिरी चंद्रग्रहण,  जानिए भारत में कितना दिखेगा इसका असर?

वर्ष 2023 का अंतिम चंद्रग्रहण 28-29 अक्टूबर की रात को शरद पूर्णिमा को लगेगा और यह भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा।  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने  यहां बताया कि 28 अक्टूबर की आधी रात को चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करेगा और ग्रहण की अवधि 29 अक्टूबर के शुरुआती घंटे होगी। ग्रहण मध्यरात्रि के आसपास भारत के सभी भागों में दिखाई देगा।

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 इसके साथ चंद्रग्रहण पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, उत्तर-पूर्वी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर तथा दक्षिण प्रशांत महासागर के क्षेत्रों से दिखाई देगा। उल्लेखनीय है कि भारत में दिखाई देने वाला अगला चंद्र ग्रहण सात सितंबर 2025 को होगा और यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत में दिखाई देने वाला आखिरी चंद्रग्रहण आठ नवंबर, 2022 को था और यह पूर्ण ग्रहण था।

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चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर देर रात एक बजकर पांच मिनट से लेकर दो बजकर 24 मिनट तक यानि यह एक घंटा 19 मिनट का रहेगा। अट्ठाइस अक्टूबर को शाम में चार बजकर पांच मिनट पर चंद्रोदय हो जाएगा। भारतीय समयअनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिम्ब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा।

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 गौरतलब है कि चंद्रग्रहण पूर्णिमा को लगता है क्योंकि इस दिन पृथ्वी, सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में अवस्थित हो जाते हैं। पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है, जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया से आवृत हो जाता है तथा आंशिक चंद्र ग्रहण होता है। इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया है, ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि खीर कब बनाएं।क

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दरसअल माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की उजास फैलती है।  इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है, इसलिए रात्रि में चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा भी है। यदि आप भी खीर बनाने की सोच रहे हैं तो ऐसा ना करें, क्योंकि ग्रहण के कारण यह दूषित हो जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के मोक्ष के बाद आप खुले आसमान के नीचे खीर रख सकते हैं। ऐसे में सूतक काल शुरू होने के पहले दूध में कुशा डाल दें। बाद में इसकी खीर बनाकर भोग लगा सकते हैं।
 

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