नारी डेस्क: कानपुर के बर्रा इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पांच साल के एक बच्चे की गले में टॉफी फंसने से मौत हो गई। यह दुखद घटना रविवार को उस समय हुई जब अविन्त (5) नामक बच्चा पड़ोस की दुकान से टॉफी खरीदकर खा रहा था। टॉफी के चलते उसकी श्वास नली (Trachea) में रुकावट आ गई, जिससे वह तड़पता रहा, लेकिन समय रहते उसे सही इलाज नहीं मिल सका और उसकी जान चली गई।
क्या हुआ था घटना में?
कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के जरौली फेस वन निवासी राहुल कश्यप एक सोफा कारीगर हैं। उनके पांच साल के बेटे अविन्त ने रविवार को अपने घर के पास की दुकान से टॉफी खरीदी। टॉफी खाते ही बच्चे को गले में फंसी हुई महसूस हुई और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। बच्चा परिवार के अन्य सदस्यों को इशारे में बताने की कोशिश करता रहा कि उसके गले में टॉफी फंस गई है। लेकिन टॉफी गले से नीचे नहीं उतरी, और उसे पानी पिलाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।
अस्पतालों में भाग-दौड़, लेकिन इलाज नहीं मिला
परिजन बच्चे को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाते रहे, लेकिन कहीं भी उसे समय पर उपचार नहीं मिल पाया। इसके बाद, वे बच्चे को सर्वोदय नगर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमॉर्टम से इनकार
बच्चे की मौत के बाद जब पुलिस मामले की जांच के लिए बच्चे के घर पहुंची, तो परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इंकार कर दिया और बिना पोस्टमॉर्टम के अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के लिए परिजनों की ओर से कोई सहमति नहीं मिली।
गले में चोक होने से कैसे होता है नुकसान?
गले में खाने और श्वास नली एक ही रास्ते से होकर गुजरती है, और यदि कोई पदार्थ जैसे टॉफी, चॉकलेट, च्युईगम आदि फंस जाएं, तो वह न तो गले से नीचे जा पाते हैं और न ही मुंह से बाहर आ पाते हैं। इससे श्वास नली पूरी तरह से बंद हो जाती है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है और व्यक्ति की जान खतरे में पड़ जाती है। ऐसे में खासतौर पर छोटे बच्चों को चिपचिपी या कठिन चीजें खाने से परहेज कराना चाहिए।