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इंसान के साथ अब कुत्ते भी कर रहे हैं नेक काम, बल्ड डोनेट कर जरूरतमंदों की बचाई जिंदगी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 23 Jan, 2025 06:43 PM
इंसान के साथ अब कुत्ते भी कर रहे हैं नेक काम, बल्ड डोनेट कर जरूरतमंदों की बचाई जिंदगी

नारी डेस्क: क्या आपको मालूम है कि आपका पालतू कुत्ता किसी की जान बचा सकता है।  पालतू जानवरों का रक्तदान एक ऐसा नेक काम है जिससे गंभीर बीमारियों, दुर्घटनाओं या सर्जरी के समय अन्य जानवरों की जान बचाई जा सकती है। इंसानों की तरह, पालतू जानवरों के लिए भी ब्लड डोनेशन एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है। अब अलवर के कुछ डॉग्स इस नेक काम में शामिल हो रहे हैं।

 

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अलवर में हुई इस नेक काम  की पहल

राजस्थान के अलवर में शुरु हुए एक अनोखे और नेक काम की खूब तारीफ हो रही है। अलवर जिले के सबसे बड़े पशु चिकित्सालय परिसर में घायल कुत्तों, बंदरों, कबूतरों और अन्य जानवरों का इलाज किया जाता है। यहां कुछ डॉग्स जैसे कालू, बहरा और भूरी ने कई बार ब्लड डोनेट किया है। . ये डॉग्स उन हादसों का शिकार हुए थे, जिनमें उनका खून बह गया था, लेकिन अब स्वस्थ होकर ये रक्तदान कर दूसरे डॉग्स की जान बचाते है।  ऐसे में बाकी डॉग्स के मालिकों से भी इस नेक काम में योदगान देने की अपील की जा रही है। 

 

जानवरों का रखा जाता है पूरा ख्याल

वर्तमान में पशु चिकित्सालय में 85 कुत्तों के अलावा अन्य वन्यजीव भी हैं। जब भी कोई कुत्ता घायल होता है, तो वे पहले उसका इलाज करते हैं और आवश्यकता होने पर उसे ब्लड चढ़ाते हैं। साथ ही, वे उन दूसरे डॉग्स से ब्लड लेने से पहले उनका समय-समय पर ट्रीटमेंट और चेकअप भी करवाते हैं। अब डॉग ब्लड बैंक बनाने की योजना की जा रही है, जिससे घायल कुत्तों को समय पर ब्लड मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके। यह एक नेक और मानवीय काम है, जो न केवल कुत्तों की जान बचा रहा है, बल्कि समाज में एक अच्छी मिसाल भी पेश कर रहा है.

 

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रक्तदान करने वाले जानवरों के लिए आवश्यक शर्तें

कुत्तों की उम्र 1-8 वर्ष होनी चाहिए और कम से कम 25 किलोग्राम वजन होना चाहिए। जानवर का पूरी तरह से स्वस्थ और किसी भी संक्रामक बीमारी से मुक्त होना जरूरी है। सभी आवश्यक टीकाकरण समय पर हो चुके हों। जानवर का स्वभाव शांत और दूसरों के साथ सहयोगात्मक होना चाहिए। 

 

ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया

रक्तदान से पहले पालतू जानवर की पूरी तरह से मेडिकल जांच की जाती है। ब्लड ग्रुप टेस्ट और आवश्यक स्वास्थ्य जांच शामिल होती है। 
यह प्रक्रिया लगभग 20-30 मिनट की होती है।  जानवर की गर्दन या पैर से ब्लड लिया जाता है। ब्लड डोनेशन के बाद उन्हें आराम करने दिया जाता है और पोषक आहार दिया जाता है। 


कैसे जुड़ें रक्तदान अभियान से?

आप अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या पशु ब्लड बैंक से संपर्क कर सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पालतू ब्लड डोनेशन कैंप की जानकारी प्राप्त करें। भारत में कुछ प्रमुख पशु ब्लड बैंक हैं, जैसे- मद्रास वेटरनरी कॉलेज ब्लड बैंक (चेन्नई),टीएवीआरसी (दिल्ली) और कर्नाटक वेटरनरी ब्लड बैंक (बैंगलोर)

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