नारी डेस्क: केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम पर शाम की आरती 12 साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू हो गई है। जून 2013 से यह बंद थी, जब हिमालयी मंदिर में एक भयावह जलप्रलय में हजारों लोग मारे गए थे, जिसे "हिमालयी सुनामी" के रूप में भी जाना जाता है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि केदारनाथ में दो नदियों के संगम पर शाम की आरती 2 मई को भक्तों के लिए मंदिर के दरवाजे खोले जाने के दो दिन बाद 4 मई को फिर से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि मंदिर में मौसम खराब होने पर भी श्री केदार सभा के सहयोग से तीर्थ पुरोहितों द्वारा हर दिन आरती की जा रही है।
उत्तराखंड पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने मंदिर समिति को इस वर्ष संगम पर शाम की आरती फिर से शुरू करने के निर्देश दिए थे।धाम में पहले श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए कोई स्थान नहीं था, लेकिन अब सरस्वती-मंदाकिनी नदी में संगम घाट का निर्माण किया गया है। देश-विदेश के तीर्थयात्री संगम घाट में स्नान करने के बाद बाबा केदार के दर्शनों के लिए निकल रहे हैं, जबकि संगम का जल अपने घर लेकर भी जा रहे हैं।