
नारी डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए आरती ने कहा कि उसे यह सुनकर बहुत गर्व हुआ कि 26 लोगों के नरसंहार में शामिल तीन आतंकवादियों को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। इस लड़की ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अपने 68 वर्षीय पिता रामचंद्रन को एक आतंकवादी द्वारा गोली मारते हुए देखा था
आरती ने कहा- "मैंने खबर सुनी कि पहलगाम नरसंहार में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है और मुझे भारतीय होने पर गर्व है। हालांकि इससे मेरे पिता वापस नहीं आएंगे, लेकिन मुझे लगता है कि यह हमारे नेताओं और सुरक्षा बलों की सच्ची प्रतिबद्धता को दर्शाता है। और मुझे भारतीय होने पर सचमुच गर्व है।" एक सवाल के जवाब में आरती ने कहा कि चूंकि वह इस घटना की गवाह हैं, अगर अधिकारी उन्हें बुलाएं तो मैं जाकर उन्हें सब कुछ बता दूंगी।"
पाच साल पहले मध्य पूर्व से लौटे एक पूर्व अनिवासी भारतीय, आरती के पिता रामचंद्रन भाजपा के कट्टर समर्थक थे। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे और इस साल के अंत में होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए संभावित भाजपा उम्मीदवारों में शामिल थे। जुड़वा बच्चों की माँ आरती अक्सर टीवी पर उन भयावह पलों को याद करते हुए रो पड़ती थीं जब उनके पिता की एक आतंकवादी ने उनके दो बच्चों के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह अपने माता-पिता के साथ कश्मीर के पहलगाम में छुट्टियां मना रही थीं, जब रामचंद्रन को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।
यह याद रखना ज़रूरी है कि आरती ने तब कहा था कि आतंकवादी ने उनके सिर पर कुछ रखा था, जिसके बाद उनके बेटे ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाए थे। उनके अनुसार, शायद छोटे बच्चों की चीखें सुनकर आतंकवादी उन्हें कोई नुकसान पहुंचाए बिना भाग गया। पहलगाम आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।