कोरोना का खौफ अब हर किसी में बढ़ता ही जा रहा है। हर कोई इससे बचने के लिए सावधानियां बरत रहा है। लेकिन सोशल डिस्टेंस मैंटेन करने के लिए असोधा गांव के एक व्यक्ति (मुकुल त्यागी )ने तो पेड़ पर ही अपना ठिकाना बसा लिया। वायरस उनतक न पहुंचे इसलिए उन्होंने वहीं रहना शुरू कर दिया।
दरअसल, वो काफी ज्यादा डरे हुए है। उन्हें अपने आपको संक्रमण से बचाना है। तभी उन्होंने कहा कि -'मैंने पेड़ पर रहने लायक जगह बनाने के लिए पुराने और सूखे लकड़ी के लंबे टुकड़ों को एक साथ बांधकर एक सरल संरचना बनाई है है।जब से देश में कोरोनो वायरस का प्रसार शुरु हुआ है, तब से रोकथाम का एकमात्र उपाय सामाजिक दूरी बनाए रखना है।सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को ध्यान में रखते हुए, मैंने एकांत में रहने का फैसला किया। मेरे बेटे की मदद से मैंने पेड़ों को काटा और एक साथ लकड़ियों को जोड़कर पेड़ पर अपना ठिकाना बना लिया और खाना घर से आता है।'
वहीं उनका बेटा कहता है कि-'मेरे पिता ट्रीहाउस बनाने का विचार लेकर आए। हमने सूखे पेड़ों का इस्तेमाल किया और उन्हें तख़्त बनाने के लिए काटा और फिर हमने उन तख्तों को एक साथ बांध दिया। यह काम करना एक शानदार अनुभव था।'आगे मुकुल कहते है कि 'यहां रहने से हम प्रकृति के करीब महसूस करते हैं और यहां का वातावरण भी बहुत साफ है। मैं जंगल में रहने के अपने अनुभव का आनंद ले रहा हूं।'