भारत की एक और बेटी ने राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन कर रजत पदक अपने नाम कर लिया है। भारतीय जूडो खिलाड़ी तूलिका मान को कॉमनवेल्थ गेम्स के महिलाओं के 78 किग्रा वर्ग के फाइनल में स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगटन के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। पहली बार गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में दो पदक हासिल कर कीर्तिमान बनाया है।
बुधवार को ही दो मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाने वाली तूलीका फाइनल में अधिकांश समय आगे चल रही थी लेकिन एडलिंगटन ने इसके बाद ‘इपोन’ (प्रतिद्वंद्वी को पीठ के बल जोर से पटकना) की बदौलत स्वर्ण पदक जीत लिया। एडलिंगटन ने तूलिका को काफी ताकत के साथ पटक दिया जिससे भारतीय खिलाड़ी पीठ के बल गिर गई और मुकाबला निर्धारित समय से 30 सेकेंड पहले ही खत्म हो गया। दिल्ली की 23 साल की तूलिका ने रजत पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया और भारत को जूडो का बर्मिंघम खेलों में तीसरा पदक दिलाया।
इससे पहले चार बार की राष्ट्रीय चैम्पियन तूलिका दिन के अपने पहले मुकाबले में पिछड़ रही थीं लेकिन इपोन की बदौलत न्यूजीलैंड की सिडनी एंड्रयूज को सेमीफाइनल में तीन मिनट के भीतर हराकर फाइनल में पहुंच गयीं। भारत ने अभी तक जूडो स्पर्धा में तीन पदक जीत लिये हैं। एल सुशीला देवी और विजय कुमार ने सोमवार को क्रमश: महिला 48 किग्रा वर्ग और पुरूष 60 किग्रा वर्ग में रजत और कांस्य पदक जीते थे।
कहा जाता है कि तूलिका मान जब 14 साल की थी तब उनके पिता सतबीर मान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा था। ऐेसे समय में मां ने बेटी को टूटने से बचाया और हौसला दिया। वह 2019 में साउथ एशियन गेम्स (South Asian Games) में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी है।