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बेबस मां लगाती रही गुहार, 'कोई तो मेरी बच्‍ची को बचा लो', लेकिन अस्पताल को नहीं आया रहम

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 28 Apr, 2021 06:54 PM
बेबस मां लगाती रही गुहार, 'कोई तो मेरी बच्‍ची को बचा लो', लेकिन अस्पताल को नहीं आया रहम

देश में आई कोरोना की दूसरी लहर की बाढ़ में न जाने कितने लोग बह गए और न जाने कितने और लोग बहेंगे। देश में कोरोना का कहर इस कदर हावी कि कई राज्यों में शमशान के बाहर संस्कार करने के लिए लाशों का ढेर लगा है, वहीं कहीं मरीज़ बिना इलाज़  औऱ ऑक्सीजन न मिलने पर सड़कों पर ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सामने आया है आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से। 

 विशाखापट्टनम में कोविड से पीड़ित एक डेढ़ साल की छोटी बच्‍ची की अस्‍पताल में एडमिट के लिए लंबे इंतजार के बाद मौत हो गई।  डेढ़ साल की इस बच्‍ची के माता-पिता करीब एक घंटे तक अस्पताल के बाहर इलाज कराने के लिए लोगों और डाॅक्टरों की मिन्नतें करते रहे, लेकिन किसी ने भी इस बच्ची को अस्पताल में एडमिट नहीं किया। जब तक  बच्‍ची को भर्ती किया गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 

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दरअसल, विशाखापट्टनम के किंग जॉर्ज हॉस्पिटल के बाहर एक एंबुलेंस में डेढ़ साल की बच्ची सरिता कोविड से पीड़ित थी और उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। जब परिजन उसे अस्पताल लेकर गए तो किसी ने उसे एडमिट नहीं किया. इस बच्ची का एक वीडियों सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ जिसमें देखा जा सकता है कि  बच्‍ची के पिता वीरा बाबू को ambu-bag की मदद से ऑक्‍सीजन पंप कर रहे है, जबकि उसे मां लाचार और बेबस होकर कोती हुई नज़र आ रही है। 
 

बच्ची की मां बार-बार गुहार लगाती रही, 'कृपया मेरी बच्‍ची को बचा लीजिए, अरे कोई तो मेरी बच्‍ची को बचा लो. उन्‍होंने उसे सड़क पर छोड़ दिया. क्‍या इसी सब के लिए आप लोग डॉक्‍टर बने हैं? मैं उसे बचाने के लिए एक अस्‍पताल से दूसरे अस्‍पताल भटकी लेकिन उन्‍होंने उसे सड़क पर छोड़ दिया। मां कि यह बातें सुनकर हर किसी का कलेजा फट गया लेकिन डाॅक्टरों को इस पर रहम नहीं आया। 
 

परिजनों ने बताया कि  इस बच्‍ची की कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब हुई थी और रैपिड टेस्‍ट में पहले उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन जब बुखार हुआ तो एक निजी अस्‍पताल में दोबारा टेस्‍ट कराया गया जिसमें कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।  जब बच्‍ची का तबीयत बिगड़ने लगी तो कल उसे किंग जॉर्ज हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसे एडमिट नहीं  किया गया जिससे बच्ची की मौत हो गई। 


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वहीं, जब बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्‍पताल पहुंचकर नाराजगी जताई। तो इस पर किंग जॉर्ज हॉस्पिटल की मेडिकल सुपरिंटेंडेट पी मैथिली ने  कहा कि हां, कुछ देर जरूर हुई थी लेकिन बच्‍ची को शाम करीब 3:30 बजे भर्ती कर लिया गया था और इसके करीब एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

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