कोरोना वायरस अब तक कुल दुनिया में 1,70,000 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। 2019 में जब इस बीमारी का पहला केस सामने आया था, तो बहुत से लोग नहीं जानते थे कि यह महामारी इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में हुए एक शोध के मुताबिक, कोरोना से पहले ईबोला नाम का वायरस भी बहुत जल्द पूरी दुनिया में फैला था। कोरोना को लेकर भी अब डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की कुछ ऐसी ही राय है।
महामारी फैलने के पीछे का कराण लोग
आज तक किसी भी वायरस को लेकर जब भी शोध हुआ, उसमें यही पाया गया कि किसी भी प्रकार का वायरस लोगों के जरिए सबसे ज्यादा फैलता है। इस प्रक्रिया को साइंस में रीप्रोडक्टिव नंबर अथवा आरओ कहते हैं। हर व्यक्ति के शरीर में आरओ पाया जाता है, जो उसे तेजी से किसी भी वायरस का शिकार बना देता है। जिस व्यक्ति का आरओ जितना तेज होगा, उस इंसान के बीमारी पड़ने के चांसिस उतने ज्यादा होंगे।
एक व्यक्ति से होते हैं 2 और लोग बीमार
शोध के मुताबिक कोरोना वायरस से पीड़ित एक व्यक्ति लगभग 2 और व्यक्तियों को बीमार कर सकता है। या तो वह व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो जाएगा, मगर यदि उसने अपने इलाज अच्छे से न करवाया तो उसके लिए खतरा बन सकता है। शोध के मुताबिक, एक व्यक्ति एक बार ठीक होने के बाद दोबारा इस वायरस की चपेट में नहीं आता, ऐसा बहुत कम देखा गया है।
अलग-अलग रहने में समझदारी
इस वायरस से बचना है तो जितना हो सके लोगों से दूरी बनाकर रखें। बीमारी को फैलने से रोकने का बस एक ही तरीका है। कुछ बीमार लोग एक साथ रहने में या एक ही थाली में खाना खाने से परहेज नहीं करते। मगर आप जितनी ऐसी गलतियां करेंगे आपके ठीक होने के चांसिस उतने कम होंगे।
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