नारी डेस्कः ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह समस्या इतनी खतरनाक है कि मरीज की जान तक जा सकती है और इस समस्या की मुख्य वजह खाना-पीना ही बनता है क्योंकि जब नसों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो ही दिक्कतें शुरू होती हैं। दिमाग की नसों में प्लाक जमने से ब्लॉकेज हो जाती है। ऐसी स्थिति में दिमाग की नस फट भी सकती है। स्ट्रोक अटैक होने पर लकवा होना सबसे आम है और हार्ट अटैक की तरह यह भी बार-बार आ सकता है इसलिए इसके संकेतों को समय रहते पकड़ना बहुत जरूरी है।

ब्रेन स्ट्रोक है क्या और इस स्थिति में करना क्या चाहिए?
स्ट्रोक को गंभीरता से लेना जरूरी है क्योंकि ब्रेन स्ट्रोक के मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में स्ट्रोक से होने वाली मौतों का आकंड़ा दूसरे नंबर पर है। स्ट्रोक होने पर मरीज के शरीर में कई तरह की समस्याएं जैसे लकवा आदि हो सकती है जो इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज के दिमाग के किस हिस्से पर अटैक हुआ है।
स्ट्रोक 2 तरह के होते हैः ब्लड स्ट्रोक और हेमरेज
ब्लड स्ट्रोक के दौरान ब्रेन में क्लोटिंग हो जाती है जबकि दूसरे में ब्रेन हेमरेज हो जाता है। आम समस्या में ब्रेन में जो वेसल्स है वो ब्लॉक कर जाती हैं जिससे नयूरॉन डेड हो जाते है। ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति और लक्षणों पर गौर करने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि जैसे-जैसे मरीज स्ट्रोक के लक्षणों के साथ गुजर रहा होता है हर एक मिनट में उसके 19 लाख न्यूरॉन डेड हो रहे होते हैं इसलिए जैसे ही स्ट्रोक के संकेत किसी को भी सामने आए तो उसे तुंरत स्ट्रोक रेडी अस्पताल में अपना चेकअप करवाना चाहिए।

ब्रेन स्ट्रोक होने के सबसे बड़े संकेतः FAST से पहचानें
FAST यानि कि फेस, आर्म, स्पीच और टाइम
फेसः फेस में किसी तरह का कोई बदलाव दिखे जैसे चेहरा या मुस्कान टेढ़ी हो रही हो।
आर्मः किसी की बाजू में दिक्कत हो, कमजोरी महसूस हो रही हो बाजू उठाने में दिक्कत आए।
स्पीचः अगर बोलने में मुश्किल आने लगे जैसे आवाज में लड़खड़ाहट, बोलने में परेशानी हो।
टाइमः ऐसा कोई भी संकेत दिखे तो उसी समय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा अचानक से तेज सिरदर्द होना, चक्कर, कमजोरी, बॉडी की एक साइड सुन्नपन आना आदि है लेकिन सबसे बड़ा बचाव तभी है जब आप ऐसे संकेत को अनदेखा किए बिना जल्दी से जल्दी न्यूरो रैडी अस्पताल पहुंचे ताकि वह आपके ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति का पता लगाकर जल्द से जल्द इलाज शुरू कर सके। इसके लिए सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे कई दिमागी टेस्ट किए जा सकते हैं जिससे जल्दी रिकवरी में मदद मिलती है।

ब्रेन स्ट्रोक से बचाव कैसे करें?
सर्दी के मौसम में स्ट्रोक के केसेज 12 से 14 प्रतिशत बढ़ जाते हैं जिन लोगों को हाइपरटेंशन, डायबिटीज है उन्हें खास ध्यान देने की जरूरत रहती हैं। धूम्रपान, एल्कोहल से दूरी रखें। शुगर-बीपी को कंट्रोल रखें। ब्रेन स्ट्रोक से बचने में फिजिकल एक्टिविटी का अहम रोल है। अपनी दिनचर्या में सैर, एक्सरसाइज और योग को शामिल करें।
ब्रेन स्ट्रोक के बाद जल्दी रिकवरी और आगे इसका खतरा कैसे रोके?
जो लोग ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो चुके हैं, वह जल्दी रिकवरी के लिए क्या करें या भविष्य में इसके खतरे को रोकने के लिए क्या कर सकते है चलिए आपको न्यूरो एक्सपर्ट की राय बताते हैं। न्यूरो एक्सपर्ट की मानें तो स्ट्रोक के बाद जल्दी रिकवरी और भविष्य में इसके खतरे को रोकने के लिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लेना महत्वपूर्ण है। अच्छा खान-पान आपको स्ट्रोक के खतरे से बचाने में सबसे ज्यादा फायदेमंद है।
फल और सब्जियांः ऐसे मरीज को अपनी डाइट में रंग-बिरंगे फल सब्जियां खाने की सलाह दी है। इसमें जामुन, खट्टे फल, पत्तेदार सब्जियां और ब्रोकली जैसी क्रूसीफेरस वेजिटेबल खा सकते हैं। इनमें महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं।
साबुत अनाजः डाइट में ब्राउन राइस, क्विनोआ और साबुत गेहूं जैसे साबुत अनाज चुनें। इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जिससे हार्ट डिसीज का खतरा भी कम होता है।
लीन प्रोटीन सोर्सः स्ट्रोक के बाद चिकन, मछली और फलियां जैसे लीन प्रोटीन सोर्स खाने चाहिए। टोफू और दाल जैसे प्लांट बेस्ड प्रोटीन ज्यादा लें क्योंकि एनिमल सोर्स में सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा अधिक होती है। शरीर की मरम्मत और विकास के लिए यह जरूरी हैं।
हेल्दी फैट्सः बैड फैट्स से नसों में कोलेस्ट्रॉल जमता है नसे ब्लॉक होती है लेकिन हैल्दी फैट्स नसों को हैल्दी रखने में मदद करती है। हैल्दी फैट्स जैसे एवोकाडो, नट्स और ऑलिव ऑयल यह दिल और दिमाग को तेज करने में मदद करते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
समय पर खाना खाए, किसी भी वक्त का भोजन ना छोड़े लेकिन एक बार में थोड़ा थोड़ा खाएं।
स्वाद के लिए नमक की जगह लहसुन जैसी जड़ी-बूटी या मसालों का इस्तेमाल करें।
सोडियम और सैचुरेटेड फैट वाले प्रोसेस्ड फूड से बचें। स्नैक्स और चीनी वाले आहार कम खाएं। सोडा, जूस या मीठी ड्रिंक्स से भी परहेज करें।
कम फैट वाले डेयरी प्रॉडक्ट खाएं।
डॉक्टर की सलाह पर विटामिन सप्लीमेंट लें।
हाइड्रेशन, नींद, कैफीन पर ध्यान रखें।
डिस्कलैमरः दिमाग से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत को हलके में लेने की गलती ना करें। यह व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत डाक्टरी सलाह लेनी जरूरी है। कोई भी डाइट प्लान और मेडिसिन टिप्स फॉलो करने से पहले न्यूरो स्पैशलिस्ट से परामर्श अवश्य लें।