बीते जमाने की ऐसी बहुत सारी एक्ट्रेस रही हैं जिन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई । वह मायानगरी में कई सपने लेकर पहुंची और उन सपनों को सच भी किया हालांकि बहुतों ने जीवन में गरीबी की मार भी झेली। उन्हीं एक्ट्रेसेस में शामिल थी शशिकला जो 70 के दशक की ऐसी हिरोइन थी जिसे लेडी विलेन का खिताब मिला था। पर्दे पर उन्हें बुरी औरत के रूप में इतना प्यार मिला की उन्हें लेडी विलेन ही नाम मिल गया। लड़ाकू सासू मां और ननद के किरदार में उन्होंने चार चांद लगा दिए लेकिन असल जिंदगी में वह इसके बिलकुल उल्ट थीं वह खुद कहती थीं, पता नहीं, मैंने दुष्ट औरत का रोल कैसे निभा लिया हालांकि इस मुकाम तक पहुंचने से पहले उन्होंने घर-घर जाकर झाड़ू-पोंछा भी लगाया, कई दिन भूखीं भी रही चलिए आज के इस पैकेज में उन्हीं की लाइफस्टोरी के बारे में आपको बताते हैं।...
बचपन से ही था नाचने-गाने और एक्टिंग का शौक
पर्दे पर वैम्प लेडी का किरदार निभाने वाली शशिकला का जन्म मराठी परिवार में 4 अगस्त 1932 को हुआ। उनका पूरा नाम शशिकला जावलकर था। उनका परिवार एक अमीर परिवार था और पिता एक अच्छे बिजनेसमेन थे। शशि के 6 बड़े भाई बहन थे और शशिकला छोटी उम्र में ही नाचने-गाने और एक्टिंग का शौक रखती थी और वह डांस प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेती रहती थी। सोलापुर जिले के कई शहरों में शशिकला ने कई स्टेज शोज किए थे। उस समय शशिकला मात्र 5 साल की थी लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। दुर्भाग्य से उनके पिता बुरी तरह से कंगाल हो गए। घर के हालात बिगड़ने लगे।
पिता हुए दिवालिया तो देखें कंगाली भरे दिन
एक इंटरव्यू में खुद उन दिनों को याद कर शशिकला ने बताया था,, 'मेरे पिता पूरी कमाई अपने छोटे भाई को भेज देते थे। वो लंदन में पढ़ाई कर रहा था। हम छह भाई-बहन थे। पिता ने अपने परिवार से ज्यादा भाई की जरूरतें पूरी कीं। एक समय ऐसा आया जब उनके छोटे भाई यानी मेरे चाचा की बहुत अच्छी नौकरी लग गई लेकिन तब वो हमारे परिवार को भूल गए। मेरे पिता दिवालिया हो गए। वो दिन बहुत मुश्किल भरे थे । करीब 8 दिन तक हम लोगों को खाना नहीं मिला। हम लोग इंतजार करते थे कि कोई हमें अपने घर पर लंच के लिए इनवाइट कर ले।'
मजबूरी में किया लोगों के घर काम
उसके बाद पिता परिवार को बॉम्बे ले आए। शशि खूबसूरत थी, प्रतिभाशाली थी और एक्टिंग भी कर लेती हैं तो पिता ने उन्हें फिल्मों में ट्राई करवाने का सोचा। इसके बाद शशिकला काम की तलाश में एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो में भटकती रही ताकि उन्हें फिल्मों में काम मिल सके लेकिन यह इतना आसान नहीं रहा। जब काम नहीं मिला तो मजबूरी में उन्होंने लोगों के घरों में काम करना शुरू कर दिया।
सिंगर नूरजहां ने दिलवाया पहला ब्रेक
एक इंटरव्यू में शशिकला ने बताया था कि नौकरानी का काम करने के दौरान उनकी मुलाकात एक एक्ट्रेस और मल्लिका-ए-तरनुम कही जाने वाली सिंगर नूरजहां से हुई जिन्हें शशि फेस काफी पसंद आया। नूरजहां ने अपने पति से कहकर शशिकला को फिल्म में काम दिलवा दिया।
पहली फिल्म के लिए मिले थे 25 रु
नूरजहां के पति शौकत हुसैन रिज़वी उस समय ज़ीनत फ़िल्म बना रहे थे और इसी फिल्म में उन्हें ब्रेक मिला। पहली फिल्म के लिए उन्हें 25 रुपए मिले थे। इसके बाद उन्हें एक के बाद एक फिल्में मिलती गई और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने फिल्म डाकू में शम्मी कपूर के साथ काम किया। हालांकि वह ज्यादातर फिल्मों में स्पोर्टिंग रोल करती ही नजर आईं।
ओम प्रकाश सहगल से रचाई शादी
करियर की उंचाइयों तक पहुंचने के बाद शशि ने एक ऐसी गलती कर दी जिसके चलते उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। दरअसल शशि ने एक्टर केएल सहगल के रिश्तेदार ओम प्रकाश सहगल से शादी रचाई थी, जिनसे उन्हें 2 बेटियां भी थी लेकिन पति के साथ उनके मनमुटाव होने लगे और एक दिन शशिकला घर-परिवार और बेटियों को छोड़ एक शख्स के साथ विदेश चली गईं। ये उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। खबरों की मानें तो वह शशिकला का प्रेमी था।
प्रेमी के साथ भागना सबसे बड़ी गलती
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'जिस शख्स के साथ मैं विदेश गई उसने मुझे मेंटली और फिजिकली बहुत टॉर्चर किया। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर में भारत वापिस लौटी'। इस धोखे ने एक्ट्रेस को अंदर से बुरी तरह तोड़ कर रख दिया था। उनकी दिमागी हालत भी खराब हो गई थीं। वह पागलों की तरह सड़कों पर घूमती और कभी-कभी फुटपाथ पर ही सो जाती थी। जगह-जगह भटकने के बाद वह कोलकाता के मदर टेरेसा आश्रम में पहुंची, जहां उन्होंने 9 साल तक लोगों की सेवा की। ठीक होने के बाद उन्होंने मुंबई लौटने का फैसला किया और छोटे पर्दे पर फिर वापिसी की। फिल्मों के साथ टीवी सीरियल्स भी किए। लौटने के बाद वह अपनी छोटी बेटी और दामाद के साथ रहने लगी।
आखिरी वक्त तक किया काम
बता दें कि उन्होंने करीब 100 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया। बेस्ट नेगेटिव रोल के लिए उन्हें कई फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुके हैं। इसके अलावा साल 2007 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया। आखिरी सालों में शशिकला ने करण जौहर की मल्टी-स्टारर फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में भी एक खास रोल निभाया था। इसी बीच खबरें उड़ी कि शशिकला फिल्मी चमक-धमक छोड़ सन्यासी हो गई है हालांकि उन्होंने खुद इन्हें अफवाह और झूठा बताया था। 88 साल की उम्र में उन्होंने 4 अप्रैल 2021 में दुनिया को अलविदा कह दिया। शशि के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने आखिर वक्त तक काम किया।