फेमस बांग्लादेशी सिंगर रूना लैला अपनी बेहतरीन सिंगिग से लाखों दिलों पर राज करती हैं। अपनी सुरीली आवाज के चलते रूना लैला को भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों देशों से भरपूर प्यार मिला। रूना लैला का जन्म बांग्लादेश में हुआ लेकिन परवरिश और पढ़ाई पाकिस्तान में हुई। रूना लैला को बचपन से ही शास्त्रीय कलाओं से प्यार था। 4 साल की उम्र में उन्होंने शास्त्रीय नृत्य सीखा। फिर उनका रुझान गायिकी तरफ हो गया। रूना की बहन दीना लैला को संगीत की अच्छी जानकारी थी। अपनी बहन से ही रूना ने संगीत की बारिकियां सीखी। 9 साल की उम्र में उन्होंने अपने स्कूल के म्यूजिक कॉम्पटीशन में हिस्सा लिया। रूना ने प्रतियोगिता जीती और उन्हें इनाम भी मिला। प्रतियोगिता में लाहौर के एक जाने माने फिल्म प्रोड्यूसर भी मौजूद थे।
12 साल की उम्र में गाया था पहला गाना
यही रूना लैला को फिल्म में गाने का मौका मिला। उन्होंने पाकिस्तानी फिल्म 'जुगनू' के लिए अपना पहला गाना गाया। उस वक्त रूना की उम्र 12 साल थी। उनका गीत 'उनकी नजरों से मोहब्बत का जो पैगाम मिला...' ने उन्हें कामयाबी दी। वही, रुना ने बॉलीवुड में उस वक्त एंट्री की जब आशा भोसलें और लता मंगेशकर सिनेमा जगत पर राज कर रही थीं। रुना ने 'मेरा बाबू छैन छबीला, मैं तो नाचूंगी...' और दमा दम मस्त कलंदर जैसे गीतों से खूब नाम कमाया। साल 1974 में रूना लैला को इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस से भारत आने का न्यौता मिला। इस दौरान रूना से पूछा गया कि आप किससे मिलना चाहेंगी तो उन्होंने लता मंगेशकर जी का नाम लिया। रूना लता जी की बड़ी फैन है और इस बारे में उन्होंने खुद बताया था।
पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रही रूना
पर्सनल लाइफ की बात करें तो रूना ने तीन शादियां की। खबरों की माने तो उन्होंने पहली शादी ख्वाज़ा जावेद( Khawaza Javed Kaiser) से की। दूसरी शादी रॉन डैनियल(Ron Daniel) से की और तीसरी पाकिस्तानी एक्टर आलमगीर(Alamgir) से। आलमगीर की भी रूना दूसरी पत्नी है। रूना की एक बेटी भी है तानी(tani) रूना सोशल वर्क में भी आगे रहती है। खबरों के मुताबिक, साल 1976 में कैंसर की वजह से उनकी बहन की मौत हो गई थी। बहन की मौत के बाद उन्होंने कैंसर हॉस्पिटल बनवाया।