बच्चे के 6 महीने का होने पर उसके दांत निकलने लगते हैं। ऐसे में उसके बेहतर विकास के लिए डाइट में ठोस चीजों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए केला खिलाना बेहद फायदेमंद होता है। इससे बच्चे को सही वजन मिलने के साथ बीमारियों से बचाव रहता है। साथ ही बच्चा दिनभर एनर्जेटिक महसूस करता है। मगर अक्सर बच्चे चीजों को खाने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में आप उन्हें केले से दलिया बना कर खिला सकते हैं। तो चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको केले का दलिया बनाने व इससे मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हैं...
सामग्री-
चावल- 2 बड़े चम्मच
सेब- 1 छिला हुआ
केला- 1
पानी- 1,1/2 कप
दलिया बनाने का तरीका-
1. सबसे पहले चावल को 2-3 बार धो लें।
2. अब सेब के बीज निकालकर लें।
3. सेब और केले को टुकड़ों में काट लें।
4. प्रेशर कुकर में केले को छोड़कर बाकी की चीजें डालकर 3-4 सीटी लगवाएं।
5. सीटी बजने के बाद इसे भांप में रहने दें।
6. बाद में कुकर खोलकर चैक करें कि सभी सामग्री ठीक से गल गई है।
7. मिश्रण को ठंडा करके मिक्सी में पीस लें।
8. अब इसमें केला डालकर ग्राइंड करें।
9. तैयार दलिया या प्यूरी को कटोरी में डालकर बच्चे को खिलाएं।
बच्चे को केला खिलाने का सही समय-
- बच्चे के 6 महीने होने के बाद उनके दांत आने शुरु हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे को ठोस चीजें खाने को दे सकते हैं। इसके लिए आप उन्हें मैश्ड केला खिला सकते हैं।
- शुरुआती दौर में बच्चे को मैश्ड केला 2 बड़े चम्मच खिलाएं।
- मगर ज्यादा मात्रा में केला खिलाने से बचें। नहीं तो बच्चे को कब्ज की समस्या हो सकती है।
बच्चे को केला खिलाने के फायदे-
- केला में फाइबर अधिक होता है। ऐसे में इसके सेवन से भूख कम लगने के साथ लंबे समय तक पेट भरा रहता है।
- शिशु को सही वजन पाने में मदद मिलेगी।
- यह खाने व पचाने में आसान होता है। ऐसे में आप इसे रोजाना बच्चे को खिला सकते हैं।
- बच्चे की इम्यूनिटी स्ट्रांग होने से बीमारियों से बचाव रहेगा।
- कैल्शियम से भरपूर केला हड्डियों को मजबूत करने में मदद करेगा।
- इसमें मौजूद पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन होने से दिल मजबूत होता है।
- आयरन का उचित स्त्रोत होने से केले का सेवन खून की कमी पूरी करने में मदद करता है।
- पोषक तत्वों से भरपूर केला दिमाग का बेहतर विकास करने में मदद करता है।
बच्चे को केला खिलाने से पहले इन बातों का रखें खास ध्यान-
- 6 महीने से कम बच्चे को केला खाने को ना दें।
- बच्चे को हमेशा ताजा और अच्छे से मैश करके ही केला खिलाएं। ताकि उसके गले में वह फंसे ना।
- हमेशा पका हुआ ही केला खिलाएं। असल में, कच्चा केला खाने और पचाने में बच्चे को मुश्किल हो सकती है।