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Ayurvedic Nuskhe: बिना किसी दवाई के PCOS से छुटकारा दिलाएंगी ये 5 जड़ी बूटियां

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 22 Mar, 2022 01:42 PM
Ayurvedic Nuskhe: बिना किसी दवाई के PCOS से छुटकारा दिलाएंगी ये 5 जड़ी बूटियां

महिलाओं को वैसे तो बहुत-सी हेल्थ प्रॉब्लम्स और बीमारियों से जूझना पड़ता है लेकिन आजकल उनमें PCOS यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम काफी आम देखने को मिल रही है। यह एक हार्मोनल रोग है, जिससे औरतों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। वहीं, इसके कारण महिलाओं को मोटापा, चेहरे पर अनचाहे बाल, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

क्यों होती है PCOS बीमारी?

यह एक हार्मोन संबंधी रोग है, जो शरीर में पुरुष हार्मोन जैसे एण्ड्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने से होती है। इसके कारण पीरियड्स नियमित नहीं रहते और प्रेगनेंसी में भी दिक्कत आती है। रिसर्च के मुताबिक, यह समस्या ज्यादा 20 से 30 उम्र की महिलाओं में पाई जाती है।

बीमारी से कैसे निपटें?

पीसीओएस से निपटने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है लाइफस्टाइल में सुधार। आजकल की अनियमित जीवशैली, गलत खानपान इस बीमारी को न्यौता देता है। ऐसे में अगर आप इससे बचे रहना चाहती हैं या इस बीमारी से छुटकारा पाना चाहती हैं तो सबसे पहले हैल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें और स्वस्थ भोजन खाएं।

आजमाएं कुछ जड़ी-बूटियां भी

सही लाइफस्टाइल के साथ-साथ आप कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स भी ले सकती हैं जो इस बीमारी को जड़ से दूर करने में मदद करेगी।

शतावरी

शतावरी एस्ट्रोजन के स्तर को बैलेंस करती है और इससे पीरियड्स चक्र भी सही रहता है। शोध के मुताबिक, इससे महिलाओं में बांझपन और प्रजनन संबंधी समस्याओं से लड़ने में भी मदद मिलती है।

अशोक

अशोक की छाल का चूर्ण या उसके पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से ओवरी के टिश्यू उत्तेजित होती है। साथ ही यह हार्मोन्स को बैलेंस करती है जिससे PCOS के लक्षणों में सुधार होता है।

लोधरा

लोधरा जड़ी-बूटी पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करती है। आयुर्वेद के अनुसार, यह बूटी PCOS सहित अनियमित पीरियड्स, मुंहासे, प्रजनन स्वास्थ्य में भी सुधार करती है।

गोक्षुरा

पीसीओएस के इलाज के साथ गोक्षुरा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी फायदेमंद है। यह ओवरी को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

दालचीनी

दालचीनी का काढ़ा या चाय बनाकर पीने से हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद मिलती है। साथ ही यह प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और इंसुलिन रेजिस्टेंस में भी सुधार करती है।

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